Jharkhand News: झारखंड सरकार ने स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ों के आरक्षण की पात्रता की जांच के लिए ‘डेडिकेटेड कमीशन’ बनाने का फैसला लिया है. सीएम हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट की बैठक में इस पर सहमति जताई गई. कैबिनेट में तय किया गया कि, राज्य का पिछड़ा वर्ग आयोग ही डेडिकेटेड कमीशन के रूप में काम करेगा. सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कर आयोग पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण तय करेगा. कैबिनेट की बैठक में 43 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.
नगर निकायों में पिछड़े वर्गों के लिए आयोग आरक्षण की पात्रता सुनिश्चित कर अनुशंसा करेगा. दरअसल, राज्य में निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण तय नहीं हो पाने के कारण लंबित है. सरकार इसे जल्द पूरा कर लेना चाहती है. हालांकि, आयोग को रिपोर्ट देने के लिए समय सीमा तय नहीं की गई है. वहीं पिछड़ा आयोग में अध्यक्ष और कोई सदस्य भी नहीं है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति हो जाएगी.
इन प्रस्ताओं को भी मिली मंजूरी
कैबिनेट ने राज्य में 189 उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्ति के लिए 4,069 पद सृजित किए गए हैं. इन स्कूलों में शिक्षकों के अलावा लिपिक और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी. ऐसे में लिपिक के 1,890 और अन्य कर्मचारियों के 2,079पद हैं. वहीं विनोबा भावे विश्वविद्यालय के तहत गोला में डिग्री कॉलेज खोलने के लिए 25 करोड़ रुपये दिए गए. राज्य सरकार ने 29,834 आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को स्मार्ट फोन देने का निर्णय लिया है. इसकी कीमत जीएसटी के साथ आठ हजार रुपये की होगी.
वहीं शराब की बोतलों के होलोग्राम की छपाई अब केंद्रीय संस्थान में होगी. कैबिनेट की बैठक में अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों में वकालतनामा के साथ अब 30 रुपये का स्टांप लगेगा. जबकि पहले 15 रुपये का स्टांप लगता था. वहीं अजीत प्रेमजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए रांची में 120 से 150 एकड़ भूमि 99 वर्ष के दीर्घकालीक लीज पर उपलब्ध कराने के लिए एमओयू हुआ.