National Commission for Protection of Child Rights Garhwa School Prayer Matter: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने झारखंड (Jharkhand) के गढ़वा (Garhwa) जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर इस शिकायत की तत्काल जांच करने को कहा है कि एक स्कूल के छात्रों पर कथित रूप से 'शरीयत और इस्लामी प्रथाएं' थोपी गई हैं. शीर्ष बाल अधिकार संस्था ने जिले के अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया. आरोप है कि कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को पुराने प्रार्थना गीत 'दया कर दान विद्या ' को बदलने पर मजबूर किया और प्रार्थना में 'तू ही राम है तू रहीम है' गीत करा दिया. इसके बाद एनसीपीसीआर ने ये नोटिस जारी किया.


दिए गए जांच के आदेश 
'लीगल राइट्स ऑब्ज़र्वेटरी' की ओर से दायर शिकायत के मुताबिक, सदर प्रखंड के कोरवाडीह गांव में सरकारी माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को हाथ जोड़कर प्रार्थना करने से रोका जा रहा है. झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि उन्होंने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं.


'कानूनी कार्रवाई शुरू करने को कहा'
एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने बुधवार को न्यूज एजेंसी से कहा कि, ''हमें मंगलवार को एक शिकायत मिली कि इस्लामी कट्टरपंथी नाबालिगों पर शरीयत और इस्लामी प्रथाओं को थोपने की कोशिश कर रहे हैं और उन्होंने स्कूल की पुरानी प्रार्थना को बदल दिया है. हमने जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर जांच और कानूनी कार्रवाई शुरू करने को कहा है.''


'जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे'
प्रधानाध्यापक का दावा है कि पिछले काफी महीनों से मुस्लिम समुदाय के युवक उन पर दबाव बना रहे थे और जबरन इस नई प्रार्थना को विद्यालय में कुछ माह पूर्व लागू करा दिया. झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, 'मैंने पहले ही घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं. चाहे हिंदू हो या मुस्लिम, किसी को भी संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं है. हम जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेंगे.'


'तुष्टीकरण नीति का परिणाम'
कथित घटना का विरोध करते हुए, बीजेपी ने दावा किया कि ये झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार की कथित तुष्टीकरण नीति का परिणाम है.


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