Jharkhand Naxalites: झारखंड (Jharkhand) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ को माओवादी नक्सलियों (Naxalites) से मुक्त कराने पुलिस और सुरक्षाबलों को कामयाबी जरूर मिली है. जोरदार एक्शन के चलते नक्सलियों ने झारखंड में अपने सबसे बड़े गढ़ बूढ़ा पहाड़ को खाली तो जरूर कर दिया है लेकिन, उन्होंने 20 किलोमीटर से भी अधिक के दायरे में जगह-जगह जमीन के नीचे लैंडमाइन (Landmine) बिछा रखी हैं. सुरक्षाबल अब जमीन के भीतर बिछाई गई बारूदी सुरंगों और आईईडी को नाकाम करने के अभियान में जुटे हैं. 


निशाने पर सुरक्षाबलों के जवान
गढ़वा जिला अंतर्गत बूढ़ा पहाड़ इलाके के तिलइया और झंडी गांव के पास सुरक्षाबलों ने जंगल में सर्च ऑपरेशन के दौरान 22 केन बम समेत सात वायरलेस सेट, 9 आईडी मैकेनिज्म, हैंड ग्रेनेड, गोली का जखीरा सहित नक्सलियों के जरिए इस्तेमाल किये जाने वाले कई सामान बरामद किए हैं. एंटी नक्सल अभियान की अगुवाई कर रहे कोबरा बटालियन के कमांडेंट जितेन्द्र कुमार ने बताया कि ये विस्फोटक पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए छिपाकर रखा गये थे. इसके पहले भंडरिया थाना क्षेत्र से तीन आईईडी और अन्य विस्फोटक सामग्री जब्त की गई थी.


उखड़ गए हैं नक्सलियों के पांव 
गौरतलब है कि, लगभग 55 वर्ग किलोमीटर में फैले इस दुर्गम पहाड़ पर नक्सलियों के टॉप लीडर्स पनाह लेते रहे हैं. इस बार पुलिस और सुरक्षाबलों ने झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों छोर से पहाड़ की घेराबंदी की थी. सुरक्षाबलों का अभियान रोकने के लिए नक्सलियों ने लगातार सिरियल ब्लास्ट किए थे लेकिन इस बार सधी हुई रणनीति के तहत हुई कार्रवाई से नक्सलियों के पांव उखड़ गए हैं. माना जा रहा है कि बूढ़ापहाड़ को फतह कर लेने से झारखंड के गढ़वा, पलामू, लातेहार और छत्तीसगढ़ के बलरामपुर सहित कई इलाकों में नक्सल समस्या पर काफी हद तक काबू पा लिया जाएगा.


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