Jharkhand News: झारखंड में एनसीपी (NCP) के एकमात्र विधायक कमलेश कुमार सिंह (Kamlesh Kumar Shingh) शरद पवार (Sharad Pawar) का साथ छोड़ कर अजित पवार (Ajit Pawar) संग चले गए हैं. हुसैनाबाद (पलामू) के विधायक कमलेश अभी तक हेमंत सरकार को समर्थन दे रहे थे. हर मोर्चे पर उन्होंने सरकार का साथ दिया. इस बीच बदली राजनीतिक परिस्थितियों में अब वह बीजेपी के साथ होंगे. महाराष्ट्र में अजीत पवार बीजेपी के सहयोग से सरकार चला रहे हैं. उनका धड़ा भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ है. इस लिहाज से राज्य में भी उनकी पार्टी बीजेपी के साथ खड़ी रहेगी. अभी तक बीजेपी के साथ बतौर सहयोगी सुदेश कुमार महतो की आजसू पार्टी थी. एनसीपी के एक विधायक के साथ आने से एनडीए का राज्य में कुनबा बढ़ेगा. 


बीजेपी को इसका लाभ पलामू प्रमंडल समेत धनबाद और बोकारो में मिलेगा. स्वाजतीय राजपूत वोटरों पर भी कमलेश कुमार का अच्छा प्रभाव है, जिसे वो एनडीए पाले में ला सकते हैं. फिलहाल कमलेश कुमार एनसीपी की राष्ट्रीय बैठक में भाग ले रहे हैं. हेमंत सोरेन सरकार को समर्थन देने के बावजूद उन्हें झारखंड में ज्यादा अहमियत नहीं मिल रही थी. कई मौके पर उन्होंने अपनी पीड़ा जगजाहिर की है. अब उनके एनडीए के साथ आने से झारखंड में भाजपा-आजसू गठबंधन को भी बल मिलेगा. 


अलग-थलग महसूस करते थे कमशेल कुमार
उल्लेखनीय है कि एनसीपी के सिंबल का विवाद फिलहाल चुनाव आयोग में चल रहा है. इस सिलसिले में उनसे विधानसभा सचिवालय ने स्पष्टीकरण मांगा था कि वे किस धड़े के साथ हैं. उन्होंने सूचित किया कि वे अजीत पवार के साथ हैं. कमलेश कुमार सिंह अरसे से हुसैनाबाद-जपला को जिला बनाने की मांग उठाते रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने शरद पवार के जरिए भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष मांग उठाई थी. यह मांग पूरा नहीं होने के कारण वे उपेक्षित महसूस कर रहे थे. एनसीपी का सांगठनिक विस्तार उन्होंने राज्य के हर जिले में किया है. उनकी कार्यक्षमता को देखते हुए शरद पवार ने उन्हें बिहार की भी जिम्मेदारी दी थी. वे अक्सर बिहार में एनसीपी के विस्तार के सिलसिले में दौरा करते थे.



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