Jharkhand: डायन होने के शक में भतीजे ने कर दी चाची की हत्या, पुलिस ने जंगल से बरामद किया शव
Chaibasa News: डायन होने शख में किसी की हत्या कर देना झारखंड (Jharkhand) में एक बड़ी सामाजिक बुराई है. ऐसा की एक मामला पश्चिमी सिंहभूम से सामने आया है. यहां भतीजे ने अपनी ही चाची की हत्या कर दी है.
Jharkhand Woman Murder in Chaibasa: झारखंड (Jharkhand) के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मंझारी थाना क्षेत्र में गौगुटू गांव की रहने वाली सुकुरमनी हेंब्रम की उसके भतीजे ने कथित तौर पर डायन होने के संदेह में धारदार हथियार से हत्या (Murder) कर दी और उसका शव (Dead Body) जंगल में छुपा दिया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि सीमाराम हेंब्रम ने डायन होने के संदेह में धारदार हथियार से अपनी चाची सुकुमनी हेंब्रम (45) की हत्या कर दी और शव को जंगल (Forest) में छुपा दिया. मंगलवार को मंझारी पुलिस ने सूचना के आधार पर महिला का शव बरामद कर उसे चाईबासा सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा. पोस्टमार्टम के बाद देर शाम शव को परिवार वालों को सौंप दिया गया.
भतीजा लगाता था डायन होने का आरोप
महिला के पति चरण हेंब्रम ने बताया कि उसकी पत्नी सुकुरमनी रविवार को अन्य महिलाओं के साथ गंगीमुंडी जंगल गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. सोमवार को उसकी खोजबीन शुरू की गयी, तो जंगल में उसका शव बरामद हुआ. चरण हेंब्रम के अनुसार, उनका भतीजा सीमाराम हेंब्रम उनकी पत्नी पर डायन होने का आरोप लगाता था. रविवार को सीताराम ने ही अन्य लोगों के साथ मिलकर उसकी पत्नी की हत्या कर दी. इस संबंध में मंझारी थाने में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है.
70 वर्षीय महिला की हत्या
बता दें कि, झारखंड में गढ़वा (Garhwa) जिले के खुरी गांव में ग्रामीणों ने बीते रविवार को इस संदेह में 70 वर्षीय एक महिला को पीट-पीटकर मार डाला था कि वो जादू-टोना करती थी. पुलिस ने मंगलवार को बताया था कि ये घटना चिनियां पुलिस थाने के खुरी गांव में हुई. महिला के परिवार ने इस मामले में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया है कि 5 लोग रविवार रात करीब साढ़े 8 बजे महिला को उसके घर से कम से कम 200 मीटर दूर घसीटकर लेकर गए और लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला.
अक्सर सामने आते हैं ऐसे मामले
जादू-टोना करने के संदेह में किसी व्यक्ति की हत्या कर देना राज्य में एक बड़ी सामाजिक बुराई है. झारखंड में इस तरह के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, ऐसे मामलों में 2001 और 2020 के बीच कुल 590 लोगों की मौत (Death) हुई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं. इसे लेकर झारखंड सरकार की तरफ से उठाए गए कदम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं.
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