Jharkhand New law: आपराधिक मानव वध के मामलों में अब अभियुक्त के फरार हो जाने पर भी अदालत में सुनवाई होती रहेगी. झारखंड सरकार (Jharkhand Government) की तरफ से इसके लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 299 में संशोधन किया गया है. दंड प्रक्रिया संहिता (झारखंड संशोधन) विधेयक पर राष्ट्रपति (President) की मंजूरी मिलने के बाद राज्य सरकार ने इसे संशोधन अधिनियम के रूप में अधिसूचित कर दिया है. ये संशोधन दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 299 की उपधारा-एक में किया गया है. इसके तहत अगर प्रमाणित होता है कि आपराधिक मानव वध मामले के अभियुक्त फरार हो गया है और उसके तुरंत गिरफ्तार किए जाने की कोई संभावना नहीं है तो दर्ज अपराध के लिए सक्षम न्यायालय में अभियुक्त की अनुपस्थिति में सुनवाई जारी रहेगी. सुनवाई पूरी होने पर फैसला भी सुनाया जा सकेगा.
 
24 मई 2022 को राष्ट्रपति ने दी स्वीकृति
संशोधन में धारा 299 की उपधारा एक में ये भी जोड़ा गया है कि यदि कोई अभियुक्त जमानत या बांड पर मुक्त किया गया है और न्यायालय में बिना पर्याप्त कारण के जमानत या बांड की शर्तों के अधीन उपस्थित होने में सफल नहीं होता है तो अभियुक्त को समन तामील के बाद सुनवाई करने का उक्त प्रावधान इस मामले में भी लागू होगा. दंड प्रक्रिया संहिता (झारखंड संशोधन) विधेयक को झारखंड विधानसभा में सितंबर 2020 में ही पारित किया था. इसके बाद राज्यपाल ने इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा था. राष्ट्रपति की इस पर 24 मई 2022 को स्वीकृति प्राप्त हुई.


ये भी जानें 
गौरतलब है कि, यदि कोई व्यक्ति यह ज्ञान रखते हुए भी कोई ऐसा कार्य करता है कि जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु या उसका शारीरिक नुकसान हो सकता है तो वह कार्य आपराधिक मानव वध की श्रेणी के अपराध में आता है. आपराधिक मानव वध हत्या तभी माना जाएगा जब वो धारा 300 के चार खंडों में आता हो.


ये भी पढ़ें:


Agnipath Protest: 'अग्निपथ' के विरोध में झारखंड के 5 जिलों में रेलवे ट्रैक और सड़कों पर उतरे युवा, बोले- भविष्य से हो रहा है खिलवाड़


Jamshedpur Agnipath Protest: 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ युवाओं ने जमशेदपुर में किया प्रदर्शन, रोक दी ट्रेन