Jharkhand News: झारखंड में इस वक्त सियासी पारा हाई है. आज यानी सोमवार (5 फरवरी) को सीएम चंपई सोरेन (Champai Soren) सरकार का विधानसभा में फ्लोर टेस्ट (Floor Test) होना है. फ्लोर टेस्ट से पहले रविवार रात को गठबंधन के विधायक जिन्हें हैदराबाद भेजा गया था, वे रांची लौट आए हैं. दो चार्टर्ड प्लेन से 36 विधायकों को रांची लाया गया है. उन्हें रिसीव करने के लिए शिबू सोरेन (Shibu) के बेटे और और विधायक बसंत सोरेन (Basant Soren) एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. बसंत के साथ दो मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता भी एयरपोर्ट आए थे. बताया जा रहा है कि सभी को बस में सवार कर सर्किट हाउस लाया जा रहा है. 


सूत्रों के अनुसार बसंत सोरेन अपने पिता और शिबू सोरेन का संदेश विधायकों तक पहुंचाएंगे. वह दो पेपर का संदेश विधायकों के सामने पढ़ेंगे. उधर, आलमगीर आलम  और सत्यानंद भोक्ता सर्किट हाउस पहुंच रहे हैं. झारखंड में जेएमएम के पास कुल 29 विधायक हैं. कांग्रेस के 17, आरजेडी और वाम दल के एक-एक विधायक हैं. ऐसे में सरकार में शामिल विधायकों का कुल आंकड़ा 48 है. इसके अलावा बीजेपी के पास 26, एनसीपी के पास एक और आजसू के पास दो विधायक हैं. राज्य विधानसभा में कुल 81 सीटे हैं. बहुमत के लिए 41 सीटों की जरूरत है.


क्या फ्लोर टेस्ट पास कर लेंगे चंपई?
चंपई सोरेन ने विधायकों को हैदराबाद भेजे जाने से पहले दावा किया था कि उनके पास पूर्ण बहुमत है. सर्किट हाउस से 43 विधायकों के समर्थन वाला वीडियो जारी किया था. हालांकि हेमंत सोरेन को छोड़ दें तो फिर भी चार विधायक इससे बाहर थे. वहीं, लोबिन हेम्ब्रोम की नाराजगी भी सामने आई थी. हालांकि शिबू सोरेन से मुलाकात के बाद उनके तेवर में बदलाव देखा गया और उन्होंने यहां तक कहा कि विधायकों को हैदराबाद जाने की जरूरत नहीं थी, जो बिकने वाले हैं वे कहीं भी बिक सकते हैं औऱ मुझे कोई नहीं खरीद सकता. हेम्ब्रोम ने साफ कर दिया है कि वह चंपई सोरेन को समर्थन देंगे लेकिन शिबू सोरेन की बहू और विधायक सीता सोरेन का रुख साफ नहीं हुआ है. 


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