Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन का बीजेपी पर हमला, कहा- ‘किसी निर्दोष आदिवासियों को अदालती मामलों में फंसने नहीं देंगे’
Hemant Soren News: सीएम हेमंत सोरेन ने गुरुवार को रांची के आम सभा में बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि BJP द्वारा निर्दोष आदिवासियों को अदालती मामलों में फंसने नहीं देंगे.
Ranchi News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार (5 नवंबर) को रांची के आम सभा में बीजेपी सरकार पर जमकर हमला बोला है. साल 2018 में आदिवासी युवाओं के खिलाफ दर्ज मामलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा निर्दोष आदिवासियों को अदालती मामलों में फंसाने के किसी भी प्रयास को विफल कर दिया जाएगा. बता दें सीएम अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कथित रूप से कमजोर करने के विरोध में 2018 में बुलाए गए राष्ट्रव्यापी बंद में भाग लेने के लिए झारखंड में कई आदिवासी युवाओं के खिलाफ दर्ज मामलों का जिक्र कर रहे थे. उस समय राज्य में बीजेपी की सरकार थी.
2018 में युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए
वर्तमान की झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार ने 3 नवंबर को कैबिनेट बैठक में आरोपियों के खिलाफ मामले वापस लेने का फैसला किया. सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार ने 2018 में युवाओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए हैं. पूर्ववर्ती सरकार ने उनके खिलाफ साजिश रची और एससी/एसटी में संशोधन के खिलाफ भारत बंद में भाग लेने के लिए मामले दर्ज किए. झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष ने दावा किया कि युवाओं को मामलों में फंसाकर उनके भविष्य को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई, लेकिन वह ऐसे किसी भी कदम को सफल नहीं होने देंगे. सोरेन ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम आदिवासियों और अन्य समुदायों के विकास के रास्ते से सभी बाधाओं को दूर करेंगे. उन्होंने कहा कि युवाओं को विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी नौकरियों में भर्ती करने का प्रयास किया जा रहा है.
युवाओं को विकसित राज्यों के समान शिक्षा मिलेगा- सोरेन
सीएम सोरेन ने आगे कहा कुछ गिरोह सक्रिय रूप से राज्य के आदिवासियों और मूल निवासियों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं, आदिवासियों और स्थानीय लोगों के हितों को नुकसान पहुंचाने के उनके किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उसे विफल कर दिया जाएगा. उन्होंने युवाओं को विकसित राज्यों के समान शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में समान अवसर प्रदान करने का भी आश्वासन दिया. दलित समूहों ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के विरोध में 2 अप्रैल, 2018 को भारत बंद का आह्वान किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के कुछ कड़े प्रावधानों को कमजोर कर दिया गया था. कई स्थानों पर हिंसा हुई, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और देश भर में संपत्ति का विनाश हुआ.