Jharkhand News: झारखंड की वन विभाग टीम ने 17 साल पहले सरायकेला जिले के जंगल से घायल अवस्था में लावारिस हाथी के मादा बच्चे को रेस्क्यू किया था. बताया जाता है कि उसके बचने की कोई उमीद नहीं थी, लेकिन वन विभाग और टाटा ज़ू के डॉक्टर्स ने इसको नया जीवनदान दिया. उसका नाम रजनी रखा गया. हर साल रजनी हथिनी का जन्मदिन 7 अक्टूबर मनाया जाता है. इस बार भी 17 वर्ष की होने पर 17 पाउंड का केक काटकर रजनी हथिनी ने अपना जन्मदिन मनाया.


दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में लगातार 17 वर्षो  से रजनी नामक हथिनी अपना जन्मदिन  केक काट कर मानती है और वन विभाग इसका आयोजन करता है. दलमा की तराई क्षेत्र के सभी गांव वाले और वन विभाग के लोग आज खुशी मनाते है.


17 पाउंड का केक काटकर मनाया गया जन्मदिन


सरायकेला खरसावां क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी माकूल काचा चेक नाका में हथिनी रजनी के जन्मदिन पर 17 पाउंड का केक काटकर रजनी ने अपना जन्मदिन मनाया.  जन्मदिन पर दलमा पश्चिमी रेंज के रेंजर दिनेश चंद्रा बताया कि यह खुशी की बात है इससे लोगों में एक अच्छा संदेश जाता है कि जब हम अपने बच्चों का जन्मदिन मना सकते हैं तो जंगली जानवर का क्यों नहीं. इसके अलावा लोगों में जंगली जानवरों के प्रति जागरूक करने का भी एक अवसर होता है. रजनी के जन्मदिन को लेकर वन विभाग यह संदेश देना चाहता है कि जानवर भी पृथ्वी के लिए महत्वपूर्ण हैं और उनका भी अपना महत्व है. इसी संदेश को ध्यान में रख कर जन्मदिन मनाया जा जाता है. 


हथिनी रजनी की अबतक की जीवनी 


झुंड में रहने वाली मादा हाथी रजनी अपने साथी हाथियों के झुंड से बिछड़ कर चांडिल वन क्षेत्र के ईचागढ़ पिलीद जंगल और स्वर्णरेखा नदी के समीप पीलीद एक गड्ढे में फंसी हुई मिली थी. उसे घायलावस्था में निकालकर टाटा जू लाया गया था, जहां काफी दिनों तक रजनी का इलाज हुआ. जब रजनी ठीक हो गई तो उसे चांडिल दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी माकूलाकोचा लाया गया. दलमा के मकुलाकोचा चेक नाका में बकायदा इस हथिनी का नामकरण रजनी के रूप में किया गया था. उसी समय से रजनी का जन्मदिन धूमधाम से मनाया जा रहा है. रजनी का जन्मदिन मनाने के लिए दलमा वन्य आश्रयणी के कर्मचारियों के साथ ही मकुलाकोचा के ग्रामीण भी शामिल थे.


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