Mining Lease Allotment Case: अपने नाम खनन का पट्टा आवंटन होने के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी पर खतरा अब भी बना हुआ है. इसी के साथ बता दें कि अपने नाम खनन पट्टा आवंटन मामले में चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 31 मई को पेश होने को कहा है.
सोरेन वकील के जरिए भी हो सकते हैं पेश
सोरेन या तो खुद पेश हो सकते हैं या वकील के जरिये पेश हो सकते हैं. हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग में पेश होने का ये नोटिस उनके जवाब दाखिल करने के बाद आया है. खनन लीज मामले में चुनाव आयोग के पिछले नोटिस पर हेमंत सोरेन ने कल यानी 20 मई को चुनाव आयोग को अपना जवाब सौंपा.उन्होंने अपने जवाब में लिखा है, ''2008 में 10 साल के लिए मुझे खनन लीज पर मिली थी लेकिन 2018 में उस लीज का नवीकरण नहीं किया गया. 2021 में माइनिंग लीज मिली लेकिन लीज कार्यान्वित करने की मंजूरी नहीं मिली. लिहाजा 4 फरवरी को मैंने खनन लीज को सरेंडर कर दिया था.''
हेमंत सोने का दावा उनके पास कोई माइनिंग लीज नहीं है
वहीं हेमंत सोरेन ने दावा किया कि उनके पास अभी कोई माइनिंग लीज नहीं है और उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. सोरेन के जवाब का अध्ययन करने के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें 31 मई को पेशी का निर्देश दिया है. इस बीच बीजेपी ने सोरेन पर पद का लाभ लेने का आरोप लगाते हुए झारखंड के राज्यपाल से शिकायत की थी. राज्यपाल ने चुनाव आयोग से राय मांगी और उसी क्रम में चुनाव आयोग ने सीएम हेमंत को नोटिस भेजा था.
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