Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने यहां के एकमात्र रेफरल हॉस्पिटल रिम्स (RIMS) के मामले में सुनवाई करते हुए अस्पताल को जमकर फटकार लगाई. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद यहां नियुक्तियां न होने पर हाईकोर्ट काफी सख्त दिखा. हाईकोर्ट ने राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (Rajendra Medical Institute) को खाली पदों को न भरने पर लताड़ा और ये भी कहा कि उन्हें अधिवक्ता नहीं अपनी खराब व्यवस्थाओं को बदलने की जरूरत है. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता के बदलने पर अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वकील बदलने से कुछ नहीं होगा, रिम्स के डायरेक्टर बदलें, रिम्स की व्यवस्था बदलें. बता दें मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी.
क्या कहना है हाईकोर्ट का –
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डा. रविरंजन कुमार और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंड पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवायी के दौरान कहा कि केवल अधिवक्ता बदले जाने से रिम्स की हालत में सुधार नहीं होगा. पीठ ने कहा कि बल्कि उसके निदेशक और काम के तौर तरीके बदले जाने की जरूरत है.
नियुक्तियां न की जाने पर जतायी नाराजगी –
यही नहीं हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद रिम्स में नियुक्तितां न किए जाने पर भी अस्पताल को जमकर खरी-खोटी सुनाईं. उनके आदेश के बावजूद नियुक्तियां न होने पर उच्च न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा, ‘रिम्स के प्रशासन पर अदालत के आदेश का कोई असर नहीं हो रहा है. प्रतीत हो रहा है कि उनके लिए अदालत के आदेश का कोई महत्व नहीं है.’
जब मांगा अतिरिक्त समय –
इस मामले में पहले से बहस कर रहे अधिवक्ता के बदले दूसरे अधिवक्ता सुनवाई के दौरान अदालत पहुंचे और जवाब के लिए समय की मांग की. इस पर अदालत ने कहा कि वकील बदलने से अच्छा है कि रिम्स के डायरेक्टर को बदलें. रिम्स की व्यवस्था को बदलें. अधिवक्ता बदलने से क्या होगा. अधिवक्ता ने अदालत से जवाब पेश करने के लिए समय मांगा और उन्हें 18 फरवरी से पहले जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें: