Jharkhand के सीएम Hemant Soren को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, शेल कंपनी और अवैध खनन लीज की PIL पर होगी सुनवाई
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका मिला है. दरअसल हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि शेल कंपनी और अवैध खनन लीज की PIL पर सुनवाई होगी.
Jharkhand News: झारखंड हाई कोर्ट ने शुक्रवार झारखंड सरकार की दलील को खारिज किया और कहा की यह PIL सुनने योग्य है. गौरतलब है की सरकार ने पीआईएल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर किया था. जिसके बाद कोर्ट ने हाइकोर्ट को निर्देश दिया था की पीआईएल नम्बर 727 और 4290 कई मेंटेबलिटी पर सुनवाई करे. हाई कोर्ट ने शुक्रवार को यह फैसला दिया की दोनों मामले सुनने योग्य है. हाई कोर्ट का यह फैसला सीएम हेमंत सोरेन के लिए बड़ा झटका है. हाई कोर्ट के फैसले के बाद स्पष्ट हो गया है कि सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ शेल कंपनी और अवैध खनन लीज पर PIL कोर्ट में एडमिट कर ली गई है और अब इस फैसले के बाद केस के मेरिट पर सुनवाई होगी.
मामले को खारिज कराने के लिए सीएम सोरेन सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे
गौरतलब है कि इस मामले में मुख्यमंत्री और राज्य सरकार मामले को खारिज कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे थे जहां से उन्हें सिर्फ इस राहत के साथ वापस उच्च न्यायालय भेज दिया गया था कि उच्च न्यायालय इस मामले की पोषणीयता पर पहले फैसला करेगी. सर्वोच्च न्यायालय के इसी निर्देश के अनुसार बुधवार को झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डा. रवि रंजन एवं न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंड पीठ ने प्रार्थी शिवशंकर शर्मा की जनहित याचिका की पोषणीयता पर लगभग साढ़े चार घंटे की लंबी बहस सुनी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
कोर्ट में जनहित याचिका को लेकर हुई थी काफी बहस
बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान खंड पीठ के समक्ष राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी एवं कपिल सिब्बल ने लगभग दो घंटे तक बहस की थी और इस जनहित याचिका को राजनीतिक विद्वेष के कारण दायर किया बताते हुए खारिज करने की मांग की थी. इसके जवाब में याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से केन्द्र सरकार के महाधिवक्ता तुषार मेहता ने अपने तर्क रखे और इस मामले को सुनवाई योग्य बताया था और उच्च न्यायालय से इस मामले की सुनवाई और न्याय करने की मांग की थी.
बहरहाल शुक्रवार यानी आज हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार की जनहित याचिका खारिज करने की मांग को नामंजूर कर दिया गया है. इसी के साथ अब इस मामले में सुनवाई होगी.
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