Jharkhand News: झारखंड में हेमंत सोरेन और कांग्रेस के बीच सबकुछ ठीक नहीं? आई है ये खबर
Jharkhand Politics: झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर राज्य में कांग्रेस को दरकिनार करने का आरोप लगे हैं.
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Jharkhand Government News: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर राज्य में कांग्रेस (Congress) को दरकिनार करने का आरोप लगने के साथ ही सरकार के भविष्य को लेकर आशंकाएं गहराने लगी हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार झामुमो ने कथित तौर पर कांग्रेस को हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की चुनौती दी है.
दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे ने पार्टी विधायकों को अगले दो महीनों तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नहीं मिलने का निर्देश दिया है. पिछले हफ्ते झारखंड के अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान सीएम सोरेन के उनसे नहीं मिलने से अविनाश पांडे नाराज थे. रिपोर्ट के अनुसार अविनाश पांडे के आदेश के बाद ही झामुमो नेतृत्व ने कांग्रेस को गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की चुनौती दी.
राज्य में झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सत्तारूढ़ गठबंधन के 47 विधायक हैं. झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के 1 विधायक हैं. गठबंधन सरकार में कांग्रेस के चार मंत्री हैं. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब सीएम सोरेन गठबंधन के सहयोगी के निशाने पर हैं.
कांग्रेस के यह नेता लगा चुके हैं आरोप
कांग्रेस नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने फरवरी में आरोप लगाया था कि झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के तहत कांग्रेस को दरकिनार किया जा रहा है. गुप्ता ने सीएम पर राज्य में पार्टी को "राजनीतिक रूप से खत्म" करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया था.
बन्ना गुप्ता ने 24 फरवरी को कांग्रेस के तीन दिवसीय 'चिंतन शिविर' में कहा था "हम गठबंधन सरकार चला रहे हैं और हमारी स्थिति 'जब मांझी ही नाव डुबोए' जैसी है. अगर सीएम चाहते हैं कि हमारी पार्टी खत्म कर के समर्थन ले लो तो फिर गठबंधन सरकार बनाने का क्या उद्देश्य है." वहीं कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने भी सोरेन पर राज्य में सरकार द्वारा लिए गए 'सभी फैसलों का क्रेडिट' लेने का आरोप लगाया था.
बता दें झारखंड में कांग्रेस प्रभारी रहे आरपीएन सिंह के पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद गठबंधन सरकार में कांग्रेस की स्थिति कमजोर हुई. आरपीएन सिंह के जाने के बाद कांग्रेस ने अविनाश पांडे को झारखंड का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया था.
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