Jharkhand News: दुमका में टास्कफोर्स टीम की बड़ी कार्रवाई, कई वर्षों से चल रहे अवैध कोयला खादानों को कराया बंद
दुमका जिला अंतर्गत शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध कोयला खदान के खिलाफ प्रशासन की टास्कफोर्स की टीम ने एक बार फिर कारवाई की है और कई अवैध कोयला खादानों को बंद कराया है.
Jharkhand News: झारखंण्ड के दुमका जिला अंतर्गत शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध कोयला खदान के खिलाफ प्रशासन की टास्कफोर्स की टीम ने एक बार फिर कारवाई की है. गुरुवार को जामूगढ़िया पंचायत के पंचवाहिनी गंधरकपुर इलाके में वर्षो से चल रहे तालाबनुमा अवैध कोयला खदानो को बंद करने की कारवाई की है. हालांकि इस कार्रवाई के विरोध में ग्रामीण भी खड़े हो गए थे.
दो दर्जन कोयला खादन किए गए बंद
जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू के नेतृत्व में सदर एसडीपीओ नूर मुस्तफा, अंचल अधिकारी राजू कमल मौजूद होकर लगभग दो दर्जन कोयला खदान को बंद कराने की कारवाई का दावा किया है. इस दौरान बड़ी संख्या पुलिस बल भी मौजूद थी. आपको बता दें कि पिछले दिनो इसी तरह की कारवाई मे बादलपाड़ा इलाके के छः लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज हुआ किया गया था. बाद में पत्रकारों से बात चीत के दौरान खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कु ने बताया कि प्रशासन के द्वारा अवैध कोयला खनन करने वालो के ऊपर लगातार कार्रवाई की जा रही है और इस प्रकार की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी.
सैकड़ों की संख्या में हैं अवैध कोयला खदान
यहां बता दे कि पंचवाहिनी, गंधरकपुर, नौपहाड़ आदि इलाको में सैकड़ो अवैध कोयला के खदान बनाकर कोयले का खनन किया जा रहा है. यह कोयला बैलगाड़ी और ट्रकों के द्वारा प बंगाल भेजे जा रहे हैं. इस कार्य मे सफेदपोश लोग शामिल होकर कोयले के काले कारोबार का अंजाम दे रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस कार्य मे झारखंण्ड के बाहर के माफिया शामिल हैं.
पंचवाहिनी में ग्रामीणों ने अपनी ज़मीन पर तालाबनुमा गड्ढे खोद कर कोयला का खनन कर रोजगार का जरिया बनाकर रखा है. इस इलाके में दर्जनों खदान खोद कर कोयला का उत्खनन किया जा रहा है. ठीक इस इलाके के किनारे रेल लाइन भी है. जो इलाके में हो रहे उत्खनन से खतरा हो सकता है. इससे पूर्व भी एक स्कूल भी इस अवैध खदान का भेट चढ़ चुका है. इससे पूर्व भी इस इलाके में प्रशासन की टास्कफोर्स टीम द्वारा कार्रवाई की जा चुकी है.
बताया जाता है कि संताल में फैला कोयला का सीट धनबाद की सीट की तरह है. जो धनबाद से संताल परगना के इलाके में फैला है. झारखंड सरकार ने इस कोयले के उत्खनन के लिए कई कंपनियों ने ओएमयू किया है लेकिन शिकारीपाड़ा विधानसभा में कंपनी आज तक इलाके से कोयला निकालने में सफल नही हो पायी है. ग्रामीण इलाके में कोल कंपनी का विरोध कर रहे हैं. माफिया इसी बात का फायदा उठाकर क्षेत्र से कोयला का उत्खनन कर चांदी काट रहे हैं. इस काले कारोबार में बड़े माफिया कानून के गिरफ्त से बाहर हो जाते हैं और प्यादे कानून के चपेट में फंस जाते हैं.
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