Sammed Shikharji: सम्मेद शिखरजी मामले में क्यों बैकफुट पर आई केंद्र सरकार, जैन समाज का कितना प्रभाव?
Sammed Shikharji News: सम्मेद शिखर झारखंड के गिरिडीह में स्थित जैन समुदाय का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. सम्मेद शिखर को दिगंबर और श्वेतांबर दोनों संप्रदायों द्वारा सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है.
Jharkhand Sammed Shikharji: जैन समुदाय द्वारा लगातार किये जा रहे विरोध के बाद आखिरकार केंद्र सरकार ने गुरुवार को तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाए जाने के आदेश को वापस ले लिया. इस फैसले के बाद जैन समाज ने खुशी जताई है और सरकार का आभार जताया है. देशभर में जैन समुदाय के लोग सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध कर रहे थे. जैन समुदाय को विपक्ष के कई नेताओं का भी साथ मिला था. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे तक ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी.
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर बताया कि उद्धाव ठाकरे ने दो दिन पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात की थी और जैन समुदाय से जुड़े इस मामले में भ्रम दूर करने के लिए उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था.
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से बातचीत की थी. सचिन पायलट ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी को पत्र लिखकर जैन तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने से जैन समाज में रोष के प्रति उन्हें अवगत कराया. पायलट ने मंत्री से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे.
वहीं, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी थी. सीएम ने जैन अनुयायियों द्वारा प्राप्त आवेदनों के अनुसार पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखर की सुचिता बनाये रखने के लिए समुचित फैसला लेने का आग्रह किया था.
आखिर क्यों बैकफुट पर आई केंद्र सरकार?
केंद्र सरकार द्वारा सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के फैसले को वापस लेने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. सबसे पहला कारण तो यह है कि इसी साल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं. जबकि अगले साल लोकसभा का चुनाव है. ऐसे में सरकार नहीं चाहती की जैन समुदाय को नाराज किया जाए. देश में जैन समाज भले ही एक अल्पसंख्यक समाज हो लेकिन आर्थिक रूप से यह समुदाय काफी समृद्ध माना जाता है. इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कई अहम पदों पर इस समुदाय के लोग प्रतिनिधित्व करते हैं.
सम्मेद शिखर को पर्टनय स्थल बनाने का विरोध कर रहे जैन संत सुग्येसागर का 3 जनवरी को जयपुर में निधन हो गया था. वह झारखंड सरकार के फैसले के खिलाफ पिछले 10 दिनों से अनशन पर थे. अनशन के दौरान उनके निधन के बाद जैन समुदाय और ज्यादा नाराज हो गया और उन्होंने अपना आंदोलन और ज्यादा तेज कर दिया.
जैन समुदाय का सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है सम्मेद शिखर
बता दें कि सम्मेद शिखर झारखंड के गिरिडीह में स्थित जैन समुदाय का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. यह तीर्थ स्थल पारसनाथ पहाड़ी पर स्थित है. सम्मेद शिखर को दिगंबर और श्वेतांबर दोनों संप्रदायों द्वारा सबसे महत्वपूर्ण जैन तीर्थ (तीर्थ स्थल) माना जाता है.
साल 2019 में केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखरजी को ईको पर्यटन स्थल घोषित करने का एलान किया था. इसकी सिफारिश झारखंड सरकार की तरफ से की गई थी. जिसके बाद फरवरी 2022 में राज्य सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी.