Ranchi News: झारखंड की राजधानी रांची इन दिनों ED द्वारा की जा रही छापेमारी की वजह से काफी चर्चा में है. यहां के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) भी ईडी के सवालों से बच नहीं सके हैं, हालांकि पूर्व आईएएस ऑफिसर पूजा सिंघल (Pooja Singhal) इन दिनों जेल में अपना समय व्यतीत कर रही हैं. बताया जा रहा है कि उनके द्वारा किए गए घोटाले और घोटालों से जुड़े पैसों का इस्तेमाल रांची का फाइव स्टार अस्पताल कहे जाने वाला पल्स में किया गया है जिस कारण ये अस्पताल इन दिनों ED के हाथों चढ़ चुका है. अब सवाल यह उठता है कि अब जब ईडी ने इस अस्पताल को अटैच कर लिया है तो अब इसका मालिकाना हक किसके पास होगा? हर कोई इस सवाल का जवाब तलाशने में जुट गया है.


पूजा सिंघल ने पल्स अस्पताल में लगा दी घोटाले की सारी रकम


प्रवर्तन निदेशालय ने पहले ही पूजा सिंघल की संपत्ति कुर्क करने के संकेत दे रखे थे. अब ईडी द्वारा घोटाले के पैसों से बनाई गई पूजा सिंघल की संपत्ति को जप्त किया जा रहा है. बात उस समय की है जब पूजा सिंघल खूंटी जिले की डीसी यानी उपायुक्त के पद पर थीं. 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 के बीच पूजा के खूंटी डीसी रहने के दौरान मनरेगा का 18.6 करोड़ का घोटाला हुआ था. बताया जाता है कि डीसी रहते हुए पूजा सिंघल ने बगैर काम कराए ही फंड की निकासी करा ली थी जिसके बाद कमीशन के तौर पर भी मोटी राशि वसूली गई थी.


 ED की जांच में सामने आया कि पल्स अस्पताल के निर्माण के लिए यूनिक कंस्ट्रक्शन के अक्षत कत्यार को पूजा सिंघल ने दो करोड़ कैश दिया था. ईडी ने जांच में यह भी पाया कि निर्माण कंपनी को कुल 6.19 करोड़ का भुगतान किया गया था. वहीं सीए सुमन कुमार ने कबूला था कि 10-10 लाख की राशि अस्पताल में जमा किए गए थी जो कि अवैध तरीके से कमाई गई राशि थी. वहीं सबसे बड़ी बात यह थी कि जांच में यह भी सामने आया कि अस्पताल के निर्माण में 42.50 करोड़ खर्च हुए थे  मगर कागज में इसकी निर्माण लागत मात्र 3.19 करोड़ रुपए ही दिखाई गई थी जिस कारण पूजा सिंघल को 11 मई को गिरफ्तार कर लिया गया था और 25 मई को उन्हें जेल भेज दिया गया था.


फिलहाल पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा का ही रहेगा अस्पताल
वहीं, अब यह सवाल उठ रहा है कि अभिषेक झा जो कि आईएएस पूजा सिंघल के पति हैं जिनके नाम से पल्स अस्पताल है, क्या वह अब भी इसके मालिक बने रहेंगे या फिर अस्पताल का मालिकाना हक सरकार के पास आ जाएगा. इन सभी सवालों का जवाब जानने के लिए हमने कानून के विशेषज्ञों से बातचीत की. बातचीत में यह सामने आया कि भले ही ईडी के द्वारा पल्स अस्पताल को अटैच कर लिया गया हो मगर उसके मालिकाना हक पर कोई भी फर्क फिलहाल नहीं पड़ेगा जब तक आरोपी को सजा नहीं मिल जाती. इसके बाद भी जब तक कोर्ट के द्वारा संपत्ति की जब्ती नहीं करवाई जाती तब तक संपत्ति सरकार की नहीं हो सकती है.


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