झारखंड: सिमडेगा में मॉब लिंचिंग मामले में पत्नी का आरोप, घटना के समय पुलिस बनी रही मूकदर्शक
झारखंड के सिमडेगा जिले में बीजेपी कार्यकर्ता की भीड़ द्वारा की गई हत्या मामले में पुलिस ने ग्राम प्रधान को गिरफ्तार किया है. इससे पहले पुलिस ने सात अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है.
Jharkhand News: झारखंड के सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थानांतर्गत बेसराजरा गांव में गत चार जनवरी को उन्मादी भीड़ के द्वारा बीजेपी कार्यकर्ता संजू प्रधान को जिंदा जलाकर मारने की घटना के कथित मास्टरमाइंड ग्राम प्रधान सुबन बूढ़ को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया.
लगातार दबिश देने के बाद पुलिस को मिली सफलता
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना के बाद से ही पुलिस इस नृशंस घटना के कथित मास्टरमाइंड ग्राम प्रधान की तलाश कर रही थी और लगातार दबिश देने के बाद आज उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली.
भीड़ ने की थी हत्या
सिमडेगा जिले के कोलेबिरा थाना क्षेत्र में चार जनवरी को भीड़ ने पेड़ काटने के संदेह में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी और फिर शव को जला दिया था. पुलिस सूत्रों ने बताया था कि मौके पर इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित थे कि उन्हें नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी.
सात लोगों को पुलिस कर चुकी है पहले ही गिफ्तार
थाना प्रभारी रामेश्वर भगत ने बताया था कि ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान कई बार मना करने पर भी जंगल से पेड़ काटकर बेच देता था. इसलिए ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर यह कदम उठाया. सिमडेगा के पुलिस अधीक्षक शम्स तबरेज ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 32 वर्षीय युवक संजू प्रधान की भीड़ के साथ मिलकर निर्मम हत्या करने के मामले में शामिल रहे सात आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
घटना के विरोध में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जलाया मुख्यमंत्री का पुतला
घटना के विरोध में बुधवार को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जिले भर में मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर विरोध जताया और भोक्ता समाज ने कोलेबिरा में सड़क जाम कर घटना पर रोष जताते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी.
पुलिस के सामने होती रही घटना और पुलिस बनी रही मुखदर्शक
बुधवार को पुलिस ने 13 नामजद समेत कुल 38 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मारे गये युवक की पत्नी ने आरोप लगाया है कि जब उन्मादी भीड़ ने संजू को घेर कर पत्थरों एवं लाठियों से मारा तो वह वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों से लगातार उसे बचाने के लिए गिड़गिड़ाती रही लेकिन किसी पुलिसकर्मी ने उसकी कोई मदद नहीं की. उसने यह भी आरोप लगाया कि उसके पति को जब जलाया गया तब वह जिंदा था.
भीड़ की हिंसा को रोकने के लिए राज्य ने बनाया है कानून
एक पखवाड़ा पहले ही झारखंड विधानसभा ने शीतकालीन सत्र में भीड़ की हिंसा को रोकने से संबंधित एक विधेयक पारित किया था, जिसमें हिंसा के दोषी व्यक्तियों के लिए तीन साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा जुर्माना और संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान है. पश्चिम बंगाल और राजस्थान के बाद ऐसा कानून पारित करने वाला झारखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है.
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