Jharkhand Latest News: केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे रविवार (8 सितंबर) को झारखंड के धनबाद पहुंचे. मंत्री बनने के बाद वह पहली बार यहां आए. इस दौरान कोयला मंत्री ने बीसीसीएल की कई कोल परियोजनाओं का जायजा लिया. इसी कड़ी में मंत्री मुनिडीह अंडर ग्राउंड माइंस का भी जायजा लेने पहुंचे. अंडर ग्राउंड से बाहर आने के बाद वह मुनीडीह जीएम कार्यालय के वेटिंग रूम में पहुंचे, जहां महाप्रबंधक (जीएम) अरिंदम मुस्तफी ने खुद केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे के जूते उतारे.


जीएम ने मंत्री के पैरों से जूता उतारने के बाद अपने हाथों से उसे दूसरे को ले जाने के लिए दिया. यही नहीं मंत्री के पैजामा का नाड़ा ढीला हो गया तो खुद बीसीसीएल के अधिकारी ने उसे बांधा. इस दौरान बीसीसीएल अधिकारियों ने मीडिया को फोटो खींचने से भी मना किया, लेकिन तब तक सारा माजरा कैमरे में कैद हो चुका था. वहीं मंत्री का वीडियो वायरल होने के बाद धनबाद कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने निशाना साधा है.





उन्होंने कहा, "मंत्री का जूता अगर एक जीएम उनके पैरों से निकालें, तो यह डूब मरने वाली बात है. हालांकि, मंत्री भी जूता उतरवा रहें हैं. जीएम साहब और बड़े अधिकारी या सीएमडी बनने का काम किया है. जीएम साहब को फौरन बीसीसीएल का सीएमडी बना देना चाहिए. बीसीसीएल के ऐसे अधिकारी जो भ्रष्टाचार में लिप्त होते हैं वह अपनी कमियों को छिपाने के लिए ऐसे ही मंत्री के अवभागत और चापलूसी में लगे रहते हैं."


कोयला मंत्री ने क्या कहा?
कोयला मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने झारखंड में बिजली की समस्या पर राज्य सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली की समस्या के लिए झारखंड सरकार ही जिम्मेदार है. देश की जीडीपी में कोल इंडिया की 10 प्रतिशत की सहभागिता है. कोल इंडिया दिन प्रतिदिन विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है."


उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य है कि कोल इंडिया के कोयला से पूरा देश रोशन है, लेकिन झारखंड में बिजली की समस्या यथावत बनी हुई है. प्रदेश की सरकार बिजली खरीद ही नहीं पाती, जिस पावर सेक्टर से बिजली खरीदना है, उसे झारखंड सरकार पेमेंट ही नहीं कर पाती है."


कोयला मंत्री के बयान पर कांग्रेस का पलटवार
कोयला मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा, "मंत्री का यह बयान झारखंड बनने के बाद लगातार बीजेपी की सरकार झारखंड में रही. उनके द्वारा ही बिजली बिल बकाया रखा गया है, जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ रहा है. केंद्र सरकार झारखंड में खनन का कार्य करती है, लेकिन रॉयल्टी नहीं देती है. आखिर केंद्र सरकार रॉयल्टी क्यों नहीं देती इसका जवाब कोयला मंत्री क्यों नहीं देते? झारखंड के पैसों पर आखिर केंद्र सरकार क्यों कुंडली मारे बैठी है, इसका जवाब पहले यहां की जनता को दें?"



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