Jharkhand News: झारखंड सरकार अनुसूचित जनजाति के प्रतिभावान स्टूडेंट्स को विदेश के विश्वविद्यालयों में सरकारी खर्च पर उच्च शिक्षा देने के मौके दे रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने जनजातीय युवाओं से आवेदन मांगे हैं. सरकार ने इसके लिए पिछले साल से मरांग गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना शुरू की है. पिछले साल छह युवाओं का चयन इस योजना के लिए हुआ था. वर्ष 2021-22 के लिए इस स्कॉलरशिप स्कीम के लिए दस युवा चुने जायेंगे. इन युवाओं को यूनाइटेड किंगडम ऑफ ब्रिटेन और नार्थेन आयरलैंड की चयनित यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट में उच्च शिक्षा पूरा करने का मौका मिलेगा. मास्टर या एमफिल की पढ़ाई पूरा करने के दौरान सारा खर्च झारखंड सरकार वहन करेगी.
कब तक कर सकते हैं आवेदन
सरकार की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि इच्छुक स्टूडेंट्स 31 मार्च, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं. आवेदन के नियमों और शर्तों की जानकारी झारखंड सरकार की वेबसाइट में कल्याण विभाग के लिंक पर उपलब्ध है.
झारखंड बना देश का पहला राज्य
बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस योजना को ड्रीम प्रोजेक्ट की तरह शुरू किया है. झारखंड देश का पहला राज्य बना है जिसने युवाओं को युवाओं को सरकारी खर्चे पर उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने की ऐसी योजना शुरू की है. यह योजना झारखंड आंदोलन के जनक जयपाल सिंह मुंडा की स्मृति में शुरू की गयी है. वह झारखंड के पहले आदिवासी थे, जिन्हें1922 से 1929 के बीच इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की थी. बाद में उन्होंने 1928 में हुए एमस्र्डम ओलंपिक में भारतीय राष्ट्रीय हॉकी टीम का भी प्रतिनिधित्व किया था और टीम ने गोल्ड मेडल जीता था. उनका आईसीएस में भी चयन हुआ था, लेकिन हॉकी प्रेम के चलते उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के दौरान इस सर्वोच्च सेवा से त्यागपत्र दे दिया था. वह भारत की संविधान सभा के सदस्य भी रहे थे.
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