Jharkhand: अदालत ने सबूत के अभाव में हत्या के 12 आरोपियों को किया बरी, दिया गया संदेह का लाभ
Palamu News: झारखंड (Jharkhand) के पलामू जिले की एक अदालत ने काला जादू करने के लिए दंपति की हत्या (Murder) के आरोपी 12 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
Jharkhand Palamu Court Acquits Accused of Murder: झारखंड (Jharkhand) में पलामू (Palamu) की एक अदालत ने हत्या (Murder) के एक मामले में 12 लोगों को सबूत के अभाव में शुक्रवार को बरी कर दिया. इन 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई. इन सभी पर आरोप लगाया गया था कि 2018 में मनातु थानाक्षेत्र के सरगुजा बाहेरतांड गांव में उन्होंने इंद्रदेव उरांव और उसकी पत्नी सुकनी देवी की जादू-टोना करने को लेकर हत्या कर दी थी. अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौबे (Pradeep Kumar Choubey) ने इन सभी 12 लोगों को सबूत के अभाव में बरी कर दिया.
दिया गया संदेह का लाभ
बचाव पक्ष के वकील राहुल सत्यार्थी ने कहा कि आरोपियों को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के गवाहों के विरोधाभासी बयानों के मद्देनजर संदेह का लाभ दिया गया. उन्होंने कहा कि गवाहों के बयान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट एवं इस संबंध में पुलिस की तरफ से दाखिल किए गए आरोपपत्र के बीच मिलान नहीं पाया गया.
जज को किया गया बर्खास्त
इस बीच यहां ये भी बता दें कि, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की अगुआई वाली राज्य कैबिनेट ने दुमका सिविल कोर्ट में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रह चुके न्यायिक अधिकारी धीरेंद्र कुमार मिश्रा को बर्खास्त कर दिया है. उनकी बर्खास्तगी की अधिसूचना शीघ्र जारी होगी और इसकी प्रति झारखंड हाईकोर्ट को भेजी जाएगी. सरकार के इस फैसले के साथ ही उन्हें नौकरी से मुक्त मान लिया जाएगा. झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने दुमका के जिला एवं सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार मिश्रा को बर्खास्त करने की अनुशंसा की थी. जानकारी के मुताबिक दुमका में जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर रहने के दौरान धीरेंद्र मिश्रा की अदालत में एक बिल्डर का मामला लंबित था. कोर्ट अवधि में न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार मिश्र बिल्डर से फोन पर बात कर रहे थे. शिकायत मिलने के बाद उनका मोबाइल सर्विलांस पर रखा गया था, जिसमें बिल्डर से उनकी बातचीत की पुष्टि हुई है.
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