Parasnath Mahajutan: पारसनाथ आदिवासियों के लिए मरांग बुरु हैं. इसी पर्वत पर इनका मरांग बुरु जुग जाहेरथान और मरांग बुरु मांझी थान है. वहीं जैन समाज के लिए यह स्थान सम्मेद शिखर है जहां जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकर ने निर्वाण प्राप्त किया था. पिछले दिनों सरकार ने इस स्थान को इको टूरिज्म बनाने का निर्णय लिया था जिसका विरोध जैन समाज ने किया और इसके बाद केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय ने ईको टूरिज्म की गतिविधियों पर रोक लगा दी. इसके बाद जैन धर्म के लोगों ने आंदोलन समाप्त कर दिया.


कई नेता होंगे शामिल
हालांकि इसके बाद आदिवासी समाज नाराज हो गए हैं. आदिवासी समाज के लोग मंत्रालय और राज्य सरकार द्वारा जारी पत्र में मरांग बुरु का जिक्र नहीं करने और जरूरत से ज्यादा बाध्यता लगाने से नाराज हैं. इसके खिलाफ मंगलवार 10 जनवरी को मधुबन में आदिवासी मूलवासियों का महजुटान हो रहा है. इस कार्यक्रम में बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के अलावा गीता उरांव, सालखन मुर्मू, सूर्य सिंह बेसरा, झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक जयराम महतो समेत कई नेता पहुंच रहे हैं.


ये होगा कार्यक्रम
मरांग बुरु पारसनाथ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले यह कार्यक्रम हो रहा है. कार्यक्रम को सफल बनाने में जुटे सांवता सुसार बैसि के जिला सचिव सिकंदर हेम्ब्रोम ने कहा कि पारसनाथ बचाने और सरकारी नोटिफिकेशन में मरांग बुरु का जिक्र करवाने के लिए आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गई है. कहा कि इस महजुटान कार्यक्रम में स्थानीय आदिवासी और मूलवासी ही नहीं बल्कि देश के विभिन्न राज्यों से आदिवासी समाज के लोग भाग लेंगे. इस मुद्दे को लेकर 30 जनवरी को उलिहातू में भूख हड़ताल किया जाएगा. जबकि 2 फरवरी को भोगनाडीह में महजुटान होगा.


सिकंदर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पारसनाथ पर्वत को जैनियों का मोक्ष स्थल बताया जा रहा है. मरांग बुरु का कहीं जिक्र नहीं है. जबकि इस पारसनाथ पर्वत को आदिवासी समाज मरांग बुरु कहते हैं.  कहा कि जब तक सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में मरांग बुरु का जिक्र नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन चलेगा. 


सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
इस महजुटान कार्यक्रम में काफी अधिक भीड़ जुटने की उम्मीद है. ऐसे में प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया है. डीसी नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अमित रेणू ने सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली है. एएसपी हारिश बिन जमां के नेतृत्व में यहां सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है. विधि व्यवस्था को लेकर डुमरी एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, एसडीपीओ मनोज कुमार, इंस्पेक्टर परमेश्वर लियांगी, थानेदार मृत्युंजय सिंह, दिलशन बिरुआ ने रणनीति बनाई है.


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