Jharkhand News: नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं इस गांव के लोग! तंग आकर सरकार को दिया ये अल्टीमेटम
बाकड़ाकोचा में पिछले दो महीने से सोलर लाइट से चलने वाली जलमीनार का मोटर खराब हुआ है. ऐसे में इस भीषण गर्मी में ग्रामीण दो किलोमीटर दूर बोंगा डुंगरी जुड़िया नाला से पीने का पानी लाने के लिए विवश हैं.
Jharkhand News: डुमरिया के पलाशबनी पंचायात के बाकड़ाकोचा गांव में डुंगरी टोला के लोग इन दिनों भीषण पानी के संकट से जूझ रहे हैं. इस गांव में सीएम हेमंत सोरेन की जल योजना पूरी तरह विफल दिखाई दे रही है. मिली जानकारी के अनुसार इस गांव में मुख्यमंत्री नल जल योजना के तहत जलमीनर बनाई गई गयी थी. ताकी गांव के लोगों को जरुरत के हिसाब से पानी घर-घर तक पहुंचाया जा सके.
दरअसल, पिछले दो महीने से सोलर लाइट से चलने वाली जलमीनार का मोटर खराब पड़ा हुआ है. ऐसे में इस भीषण गर्मी में ग्रामीण दो किलोमीटर दूर बोंगा डुंगरी जुड़िया नाला से पीने का पानी लाने के लिए विवश हैं. वहीं पेयजल समस्या को लेकर ग्राम प्रधान खेला सोरेन ने बताया कि जलमीनर का मोटर दो महीने से खराब पड़ा है. इसकी सूचना जनप्रतिनिधियों एवं पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को भी दी गई है. अभी तक इस जलमीनार के मोटर को बनाने का प्रयास नही किया गया है. वहीं विभाग के अधिकारी सिर्फ आश्वासन पर ही काम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि पानी लाने को लेकर काफी मेहनत करना पड़ रहा है.
ग्रमीणों ने दी प्रदर्शन की चेतावनी
वहीं प्रधान खेला सोरेन ने आगे बताया कि गांव से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित बोंगा डुंगरी जुड़िया नाला में गड्ढा चुंवा खोदकर पानी लाने को हमलोग विवश हो रहे है. अगर एक स्पातह के अंदर जलमीनार का मोटर का मरम्मत नहीं किया गया, तो सभी ग्रामीण प्रखंड कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान मौके पर ग्राम प्रधान खेला सोरेन, कान्टा हाईबुरू, पाण्डु कान्डी हाईबुरू, जितेन बारी, लेबया पुर्ती, बुधनी कान्डाई बुरू समेत ग्रामीण मौजूद थे.
बड़ाडहर गांव में भी पानी की समस्या
वहीं बड़ाडहर गांव के ग्रामीण भी सालभर पानी की परेशानी में घिरे रहते हैं. गांव में कुल 20 परिवार रहते हैं जिनमें लगभग 215 लोग निवास करते हैं. गांव में पानी की भी काफी समस्या है. वैसे एक सरकारी चापाकल तो है जिसमें मुखिया निधि से 4 साल पहले सोलर जलमीनार बनाया गया है परंतु अब चापाकल में लगी मोटर मिट्टी के अंदर धंस गई है जिसके कारण पीने के पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है.