Jharkhand News: रांची में गुरुवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब खादगढ़ा बस स्टैंड में 9 बसें धुं-धुं कर जलने लगी. हालांकि, पुलिस और फायर ब्रिगेड ने स्थानियों लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया, मगर यह सवाल उठ रहा था कि आखिर बस में आग कैसे लगी. वहीं जब बस स्टैंड पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को जब रांची पुलिस ने बारीकी से खंगाला तो आग लगाने वाला शख्स पुलिस के गिरफ्त में आ गया. दरअसल, घटना होने के बाद जब पुलिस छानबीन के दौरान सीसीटीवी के फुटेज की जांच कर रही थी तो उनकी नजर टोपी पहने एक शख्स पर नजर पड़ी.


वहीं जब उसके बारे में स्टैंड के लोगों यानी बस ड्राइवर और खलासी से जानकारी ली गई तो लोगों ने उसे पहचान लिया. इसके बाद पुलिस नामकुम स्थित उसके घर पहुंच गई और उससे पूछताछ की तो सारा मामला खुल कर सामने आ गया. पुलिस ने जब नाबालिक से पूछताछ की तो उसने बताया कि कुछ समय पहले उसने अपने पिता का मोबाइल फोन तोड़ दिया था, जिस पर उसके पिता ने उसकी बहुत पिटाई की थी. इस कारण उसने घर छोड़ दिया और कोहिनूर बस में खलासी का काम करने लगा था. मगर काम सही से न करने के कारण उसे नौकरी से हटा दिया गया और कुछ दिनों तक बस स्टैंड पर ही वह भटकता रहा. 


बदला लेने के लिए बस में लगाई आग
नौकरी से निकाल देने के कारण उसने बदला लेने का सोचा और स्प्रे और लाइटर की मदद से बसों में आग लगा दी. उसने सबसे पहले स्टैंड पर खड़ी निशांत बस में आग लगा दी, जिससे बगल में खड़ी तीन बसों में खुद ब खुद आग लग गई. वहीं इसके बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उसने वहां खड़ी भवानी बस में भी आग लगा दी, जिससे एक और बस आग के चपेट में आ गई. जब बसें धुं-धुं कर जल रही थी तो लोगों की भीड़ आग पर काबू पाने के लिए भाग दौड़ कर रही थी. वहीं वह आरोपी उसी भीड़ में खड़ा होकर बसों को जलता देख रहा था और मजे ले रहा था. मगर लोगों को उसपर थोड़ा भी शक नहीं हुआ, क्योंकि वह उसी बस स्टैंड पर घूमता रहता था. वहीं पुलिस ने नाबालिग आरोपी को गिरप्तार कर लिया है.







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