Jharkhand Police Auctioning Cartridges: आम तौर पर फुंके हुए कारतूस (Cartridges) को बेकार मान लिया जाता है, लेकिन अगर इन्हें सहेजा जाए तो ये करोड़ों के हो सकते हैं. झारखंड की पुलिस (Jharkhand Police) ने ऐसा साबित कर दिखाया है. राज्य में फुंके हुए कारतूसों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. सबकुछ ठीक रहा तो इस महीने के अंत तक पुलिस को इससे करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होगा. राज्य के पुलिस महकमे ने पिछले कुछ सालों के दौरान 79512 किलोग्राम कारतूस के खोखे इकट्ठा किए हैं. इन्हें रांची (Ranchi) के होटवार स्थित पुलिस के भंडार गृह में रखा गया है. इनमें से 78600 किलोग्राम खोखे पीतल के हैं, जबकि 912 किलोग्राम खोखे लोहे के हैं. पुलिस ने इनकी नीलामी के लिए टेंडर निकाला है. 


की जा रही है नीलामी 
बताया गया कि ये खोखे पुलिस ने आपराधिक गिरोहों एवं नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद सर्च ऑपरेशन और पुलिस बलों द्वारा फायरिंग प्रैक्टिस के बाद इकट्ठा किए हैं. फायरिंग प्रैक्टिस के दौरान जितनी गोलियों का उपयोग होता है, उनके खोखे गिनकर रखे जाते हैं. मुठभेड़ के बाद भी प्रत्येक खोखे की बरामदगी का पुलिस हिसाब रखती है. 2015 से लेकर अब तक इकट्ठा किए गए खोखे की अब नीलामी की जा रही है. नीलामी के लिए 29 दिसंबर की तारीख तय की गई है. झारखंड पुलिस के आईजी प्रोविजन प्रभात कुमार की ओर से जारी टेंडर नोटिस में कहा गया है कि 22 एवं 23 दिसंबर को पांच लाख रुपये के ड्राफ्ट के साथ टेंडर भरा जा सकता है. इसके पहले झारखंड पुलिस ने 2015 में लगभग 600 क्विंटल खोखे की नीलामी की थी. 


मिल सकता है 3 करोड़ से ज्यादा का राजस्व
पीतल के मौजूदा बाजार भाव की बात की जाए तो यह लगभग 400 रुपये प्रति किलोग्राम है. जाहिर है, अगर बाजार भाव से पीतल के खोखों की नीलामी हुई तो झारखंड पुलिस को 3 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व प्राप्त हो सकता है.


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