Jharkhand: झारखंड पुलिस ने ED अधिकारियों को भेजा नोटिस, पूर्व CM सोरेन की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
Jharkhand Police Notice To ED: रांची पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को एसटी-एससी (PA) एक्ट के तहत नोटिस भेजा है. इसमें अधिकारियों को अगले हफ्ते जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है.
Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की ओर से ईडी के अधिकारियों के खिलाफ एसटी-एससी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस केस में रांची पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को एसटी-एससी (PA) एक्ट के तहत नोटिस भेजा है. इसमें अधिकारियों को अगले हफ्ते जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है. वहीं एसएसपी रांची इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि नोटिस भेजा गया है. फिलहाल अभी मैं शरह से बाहर हूं, तो जांच अधिकारी अधिक जानकारी दे पाएंगे.
दरअसल धनशोधन के एक मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी के कुछ घंटों पहले रांची के एसटी-एससी थाने में शिकायत देकर ईडी के अफसरों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी. वहीं ईडी ने एफआईआर के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कोर्ट ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया था. इसके बाद अब रांची पुलिस ने ईडी अधिकारियों को नोटिस भेजा है.
Jharkhand: Ranchi police issues notice to ED officials after former CM Soren's FIR
— ANI Digital (@ani_digital) March 15, 2024
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सोरेन ने शिकायत में क्या कहा?
बात दें शिकायत में तत्कालीन सीएम सोरेन ने लिखा था कि जब वह 30 जनवरी को दिल्ली से रांची लौटे तो मीडिया में आई खबरों से जानकारी मिली कि झारखंड भवन और शांति निकेतन स्थित आवास पर उनकी अनुपस्थिति में प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों ने सर्च ऑपरेशन चलाया था. इसकी वजह से उनके और उनके परिवार की छवि धूमिल हुई है.
स्थानीय मीडिया में जिस तरह से खबरें चलाई जा रहीं थी, उससे साफ है कि एक आदिवासी को प्रताड़ित करने के लिए भूमिका बनाई गई है. ऐसे में पूर्व सीएम की शिकायत पर रांची पुलिस ने 31 जनवरी को एसटी-एससी (PA) एक्ट की धारा 3(1)(पी,(आर),(एस) (यू) के तहत एफआईआर दर्ज की थी. वहीं
कोर्ट ने खारिज की याचिका
हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत भूमि घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. इसके बाद हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में शामिल होने के लिए रांची की विशेष पीएमएलए कोर्ट से अनुमति मांगी थी, लेकिन इस याचिका को कोर्ट ने 22 फरवरी को खारिज कर दिया था. इसके बाद सोरेन ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन इस याचिका को भी 29 फरवरी को झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था.