Jharkhand News: झारखंड में पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की बगावत से उठा सियासी तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी में शामिल होने से पहले चंपाई सोरेन ने झारखंड सरकार पर उनकी जासूसी करने का आरोप लगाया है. इस बीच चंपाई सोरेन एबीपी न्यूज़ से की गई खास बातचीत में कहा कि कोलकाता में उनकी जासूसी की गई.
चंपाई सोरेन ने कहा, "कोलकाता दिल्ली में मेरी जासूसी हुई. होटल वालों ने दोनों अधिकारियों को कहा भी कि जो लोग चंपाई से मिल रहे हैं ऊनकी आप फोटो क्यों खींच रहे हैं. दिल्ली में स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों को दिल्ली पुलिस पूछताछ के लिए लेकर गई भी थी. यह सब से मैं डरने वाला नहीं हूं. इन घटनाओं से और मैं मजबूत हुआ हूं. जमीनी नेता हूं. संघर्ष किया हूं. कुछ छुपाता नहीं."
'सुरक्षा में तैनात थे पुलिसकर्मी'
वहीं चंपाई सोरेन के जासूसी के आरोप को गलत बताते हुए झारखंड पुलिस ने कहा, "स्पेशल ब्रांच के दो सब इंस्पेक्टर, जिनके जासूसी के आरोप में चिह्नित किए जाने की बात कही जा रही है, वे मंत्री की सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे."
पुलिस की तरफ से आगे कहा गया,"पारम्परिक तौर पर दिल्ली एवं अन्य राज्यों में विशेष शाखा की टीम झारखंड संबंधी राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से सूचना जुटाती रही है. जिन गणमान्य व्यक्तियों को विभिन्न श्रेणियों में सुरक्षा दी जाती है, उन्हें सुरक्षा देने में भी विशेष शाखा, झारखंड, रांची की टीम का योगदान रहता है. दोनों पुलिस सब इंस्पेक्टर को ऐसी ही ड्यूटी के दौरान गलतफहमी के कारण चिह्नित किया गया. इस संबंध में सभी संबंधित जांच एजेंसियों को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है. इसके बाद दिल्ली में डिटेन किए गए दोनों अफसरों को मुक्त कर दिया गया."
'जिसे JMM को हमनें बनाया अब नहीं रही'
उधर, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा, "जिस झारखंड मुक्ति मोर्चा को शिबू सोरेन के साथ मिलकर बनाया था अब वह जेएमएम नहीं रही. दिशा से भटक गई. बहुत मेहनत से हमने झारखंड मुक्ति मोर्चा का संगठन बनाया था. मैं अलग हुआ हूं लेकिन झटका नहीं दिया है."
पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा- चंपाई सोरेन
उन्होंने आगे कहा, "तीन जुलाई को अपमानित कर मुझे मुख्यमंत्री पद से हटाया गया था उसी दिन विधायक दल की बैठक में मैंने कह दिया था कि अब मेरा नया अध्याय शुरू होगा. झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है और बीजेपी में रहकर इस मुद्दे से हम लड़ सकते हैं. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. दूसरे दलों में जाकर इन मुद्दों से लड़ना संभव नहीं था इसलिए मैंने बीजेपी को चुना. आदिवासियों का विकास करना है, आदिवासी अस्मिता बचाना है, वह बीजेपी में रहकर संभव है. हमको पीएम मोदी के नेतृत्व में विश्वास है. 30 अगस्त को भाजपा में शामिल हो रहा हूं. जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसको ईमानदारी से निभाऊंगा. झारखंड में विधानसभा चुनाव लड़ूंगा."
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