झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemnat Soren) ने विश्वास मत जीत लिया है. उन्होंने विधानसभा के विशेष सत्र (Special Session of Assembly) में विश्वास मत पेश किया था. एक खनन लीज के मामले में चुनाव आयोग (Election Commission of India) की सिफारिशों के आलोक में यह विशेष सत्र बुलाया गया था. आयोग ने सोरेन के खिलाफ सिफारिश की है. इससे हेमंत सोरने की विधासनसभा की सदस्यता पर खतरा पैदा हो गया है.


हेमंत  सोरने ने क्या आरोप लगाए


सदन में विश्वास मत पेश करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विपक्ष पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि वो एक ऐसा वातावरण तैयार करना चाहते हैं, जहां दो राज्य एक दूसरे के खिलाफ खड़े हों.वो गृह युद्ध के जैसा हालात पैदा करना चाहते हैं और दंगे फैला कर चुनाव जीतना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड में जबतक यूपीए की सरकार है, उनकी यह योजना सफल नहीं हो पाएगी और आपको करारा राजनीतिक जवाब मिलेगा.


हेमंत सोरेन ने विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए हमने यह सत्र बुलाया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लोग देश में आए दिन विधायकों की खरीद फरोख्त करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी उनकी सरकार को अस्थिर करने का काम करती है.


विपक्षी सदस्यों ने सदन में किया प्रदर्शन


हेमंत सोरेन के भाषण के बाद विधानसभा में स्पीकर ने विपक्ष को विश्वास मत पर बहस करने के लिए कहा, लेकिन विपक्ष के कुछ विधायकों ने बेल में आकर प्रोटेस्ट किया विपक्ष के विधायक ने पलामू में हुए महादलित के मकान तोड़ने का मुद्दा उठाया.इसके साथ ही विपक्ष ने दुमका की बेटी अंकिता सिंह को कथित तौर पर जलाने का भी का मुद्दा उठाया. 


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