UPA Delegation Meet Governor Ramesh Bais: झारखंड (Jharkhand) में पिछले 8 दिनों से सियासी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. इस बीच झारखंड की राजधानी रांची (Ranchi) में राजभवन के बाहर हलचल बढ़ गई है. झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच यूपीए (UPA) प्रतिनिधिमंडल के सदस्य झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) से मुलाकात की है. जेएमएम सांसद महुआ माजी, विजय हंसदा और कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा सहित 10 सदस्यों वाला प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचा है. बताया जा रहा है कि यूपीए प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर बात की और उनसे रुख साफ करने को कहा है.


मौन है राजभवन
चुनाव आयोग की अनुशंसा पर एक तरफ राजभवन मौन है, तो दूसरी तरफ सत्ताधारी गठबंधन को आशंका है कि अनिश्चितता के इस माहौल में उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त हो सकती है. इसी वजह से सत्ताधारी गठबंधन के 34 विधायकों को सामूहिक रूप से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक रिसॉर्ट में रखा गया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायकों को स्पेशल फ्लाइट से रायपुर भेजे जाने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि सरकार को अस्थिर करने का जिस तरह का षड्यंत्र चल रहा है, उसमें सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को एकजुट रखने के लिए यह कदम उठाना पड़ा है. 


कैबिनेट की बैठक में हो सकता है बड़ा फैसला 
इस बीच माना जा रहा है कि अब सत्ताधारी गठबंधन दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह विधानसभा में विश्वास मत पारित करवाकर अपनी किलेबंदी मजबूत करने की कोशिश करेगी. सूत्रों के अनुसार कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव लाया जा सकता है. सियासी सस्पेंस के बीच बुलाई गई कैबिनेट की इस बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस कोटे के 4 मंत्री आलमगीर आलम, डॉ रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख बुधवार की रात रायपुर से वापस रांची लौट आए हैं. ये चारों मंत्री मंगलवार को रायपुर भेजे गए 31 विधायकों के दल में शामिल थे. 


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