Jharkhand Political Crisis UPA MLAs Meeting: झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. चुनाव आयोग (Election Commission) ने सोरेन की किस्मत का फैसला राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को एक सीलबंद लिफाफे में भेज दिया है. हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते हुए अपने नाम पर खनन पट्टा लीज पर लेने का आरोप है. राज्यपाल रमेश बैस निर्वाचन आयोग की अनुशंसा के आधार पर शुक्रवार को किसी भी वक्त आदेश जारी कर सकते हैं. विधायकी जाने पर हेमंत सोरेन को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ेगा. इस बीच सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है और बैठकों का दौर जारी है.
 
फिर होगी बैठक 
सीएम हाउस पर यूपीए विधायकों की बैठक समाप्त हो चुकी है. यूपीए के सभी विधायकों को अगले कुछ दिनों तक रांची में ही रहने को कहा गया है. यूपीए की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नेतरहाट के लिए रवाना हो गए हैं. शाम को एक बार फिर विधायकों की बैठक होगी. सभी विधायकों को रात्रिभोज में जुटने के लिए कहा गया है. 


गठबंधन के दलों ने दिखाई एकजुटता
सीएम हाउस पर हुई यूपीए की बैठक में गठबंधन के सभी दलों ने हेमंत सोरेन के प्रति एकजुटता दिखाई. बैठक से बाहर निकले नेताओं ने कहा कि राजभवन से चिट्ठी आने का इंतजार है. चिट्ठी मिलने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे. कांग्रेस नेता आलमगीर आलम ने कहा कि, हमें अपने विधायकों पर पूरा भरोसा है, वे सभी रांची में रहेंगे. कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने कहा कि, ''हमारा गठबंधन मजबूती से खड़ा है. आज शाम को फिर मिलेंगे.'' 




हर विकल्प पर मंथन 
सीएम हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने की सूरत में यूपीए ने हर विकल्प पर मंथन किया है. माना जा रहा है कि, पहला विकल्प ये है कि राज्यपाल का फैसला प्रतिकूल होने पर हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट जाकर त्वरित सुनवाई की गुहार लगा सकते हैं. दूसरा विकल्प ये कि अगर आयोग ने हेमंत सोरेन को आगे चुनाव लड़ने के लिए डिबार ना किया हो तो वो इस्तीफा देकर फिर से सरकार बनाने का दावा पेश करके दोबारा मुख्यमंत्री बन सकते हैं, क्योंकि उनके गठबंधन के पास फिलहाल पर्याप्त बहुमत है. झारखंड में सरकार में बने रहने के लिए 42 विधायकों का संख्या बल जरूरी होता है, जबकि हेमंत सोरेन को माइनस करने के बाद भी मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन के पास 50 का संख्या बल है. तीसरा विकल्प ये कि हेमंत सोरेन के अयोग्य घोषित होने और चुनाव लड़ने से डिबार किये जाने की स्थिति में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, मां रूपी सोरेन या भाभी सीता सोरेन को गठबंधन का नया नेता यानी मुख्यमंत्री चुना जा सकता है. चौथी संभावना ये कि हेमंत सोरेन के परिवार से इतर पार्टी के किसी वरिष्ठ विधायक को नया नेता चुन लिया जाए.


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