(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Exclusive: बाबूलाल मरांडी बोले गड़बड़ियों की भरमार है सोरेन परिवार, अपराधियों से घिरे हैं CM
Jharkhand Politics: BJP नेता बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर जमकर सियासी वार किए हैं. उन्होंने कहा कि, सीएम अपराधियों से घिरे हुए हैं या फिर अपराधियों से डरे हैं.
Jharkhand Babulal Marandi Attack On Hemant Soren Government: झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने दावा किया है राज्य में सोरेन परिवार ने इतनी गड़बड़ियां की हैं कि अगर इन सारी गड़बड़ियों को चुनाव आयोग को देंगे तो सिर्फ सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ही नहीं बल्कि शिबू सोरेन, सीएम के भाई बसंत सोरेन, भाभी सीता सोरेन की सदस्यता नहीं बच सकती है. 3 दिवसीय यात्रा पर दुमका पहुंचे बाबूलाल मरांडी ने एबीपी न्यूज से एक्सक्लूसिव बात करते हुए ये बातें कही हैं.
'जानी चाहिए सीएम की सदस्यता'
अवैध खनन के मामले में सीएम के विधायक प्रतिनिधि का नाम सामने आने के सवाल पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संताल परगना में लीगल कार्य नहीं किया जा रहा है. बड़ी तादाद में बालू, पत्थर, कोयला, आयरन ओर जैसी राज्य की खनिज संपदा बाहर जा रही है. राज्य में Illegal कार्य को अंजाम दिया जा रहा है. इस खेल में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा प्यादा हैं. हमने पूर्व में सरकार को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी लेकिन ना जांच हुई और ना ही कार्रवाइ. ED ने हमारी बातों को जांच कर पुख्ता किया है. उन्होंने कहा कि सीएम ने पद का दुरुपयोग कर खदान का पट्टा लीज लिया इसलिए इनकी सदस्यता जानी चाहिए. हमारी डिमांड भी यही है.
'सीएम अपराधियों से घिरे हैं'
पूर्व सीएम ने कहा कि राज्य में अपराधी बैखौफ होकर चोरी, डकैती, हत्या और दुष्कर्म जैसे अपराध का अंजाम दे रहे हैं. लोग डरे सहमे हुए हैं. ऐसा लगता है कि सीएम अपराधियों से घिरे हुए हैं या फिर अपराधियों से डरे हैं. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि झारखंड में यूपीए की सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में सबसे ज्यादा झारखंड में दंगे हुए हैं. ये बताता है कि ये लोग दंगाइयों से घिरे हैं, जहां इनसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा है, वरदातें रुक नहीं रही हैं.
'घुसपैठ से बदल गई संताल परगना की डेमोग्राफी'
संताल परगना की डेमोग्राफी चेंज होने के सवाल पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि संताल परगना की डेमोग्राफी चेंज हो चुकी है. साहिबगंज और पाकुड़ जिले के सीमावर्ती इलाकों मे बदलाव देखने को मिलेगा. ये बदलाव झारखंड बनने के पूर्व से है. 90 के दशक मे अविभाजित बिहार के समय जब मतदाता पुनर्रिक्षण हो रहा था तो उस वक्त 17 -18 हजार विदेशी संताल परगना के उन जिलों के मतदाता बन चुके थे. उस वक्त कोई कार्रवाई नहीं हुई और अब तो 30 साल से अधिक का समय गुजर गया, इसकी कितनी संख्या बढी होगी और और कितने लोगों की घुसपैठ हुई होगी ये तो जांच से ही पता चलेगा. उन्होंने कहा कि, संताल परगना मे NRC लागू करने और विदेशियों को बाहर निकालने की जरूरत है.
इस बात नहीं है जानकारी
इधर, राज्यपाल द्वारा चुनाव आयोग से मिले पत्र को नहीं खोले जाने पर बाबूलाल ने कहा हमें इसकी जानकारी नहीं है कि महामहिम के पास पत्र आया है या नहीं. अब लिफाफा खोलें या ना खोलें वो जानें.
ये भी पढ़ें: