Jharkhand CM Hemant Soren Meet Governor Ramesh Bais: झारखंड (Jharkhand) में पिछले 3 हफ्तों से कायम सियासी सस्पेंस के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्तिवार को राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) से मुलाकात कर उनसे स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. उन्होंने राज्यपाल से कहा कि राज्य में घातक अनिश्चितता का वातावरण बना हुआ है. ऐसे में राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए वो उचित कदम उठाएं. राज्यपाल से मुख्यमंत्री की मुलाकात करीब 40 मिनट तक चली.
सीएम सोरेन से सौंपा पत्र
मुख्यमंत्री सोरेन ने राज्यपाल को एक पत्र भी सौंपा है. पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी विधानसभा सदस्यता को लेकर भारत के निर्वाचन आयोग का जो मंतव्य प्राप्त हुआ है, उसकी कॉपी उन्हें उपलब्ध कराई जाए और इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई की जाए.
'अब तक स्टैंड साफ नहीं हो पाया है'
राज्यपाल को सौंपे गए पत्र में हेमंत सोरेन ने कहा है कि कि पिछले 3 हफ्तों से राज्य में असामान्य, अनापेक्षित एवं दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियां बनी हुई हैं. भारतीय जनता पार्टी ऐसी भूमिका रच रही है कि, पत्थर खदान खनन पट्टा लेने के कारण मुझे विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा. सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णयों का हवाला देते हुए कहा है कि खनन पट्टा लेने पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9 ए के तहत अयोग्यता का मामला नहीं बनता है, लेकिन इसके बावजूद निर्वाचन आयोग ने उनके बारे में की गई शिकायत पर सुनवाई की है. उन्होंने कहा कि बीते 25 अगस्त से भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और राजभवन के कथित सूत्रों के हवाले से ये खबर मीडिया में चल रही है कि मुझे विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है. इस मामले में भ्रम दूर करने की मांग को लेकर विगत एक सितंबर को यूपीए के शिष्टमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्हें आवेदन सौंपा था. इस मामले में अब तक स्टैंड साफ नहीं हो पाया है.
'बीजेपी का अनैतिक प्रयास कभी सफल नहीं होगा'
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को लिखा है कि इस संबंध में व्याप्त भ्रम राज्यहित और जनहित में नहीं है. भारतीय जनता पार्टी इस भ्रम की स्थिति का इस्तेमाल करते हुए दलबदल के जरिए अनैतिक रूप से राज्य की सत्ता हासिल करने का प्रयास कर रही है. सीएम सोरेन ने कहा कि, बीजेपी का ये अनैतिक प्रयास कभी सफल नहीं होगा, क्योंकि उनकी सरकार को विधानसभा में लगभग दो तिहाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. विगत 5 सितंबर को उनकी सरकार ने विधानसभा के पटल पर अपना अपार बहुमत साबित किया है. विधायकों ने उनके नेतृत्व के प्रति पूर्ण निष्ठा और विश्वास व्यक्त किया है.
'शीघ्र करें सुनवाई'
मुख्यमंत्री सोरेन ने राज्यपाल से कहा है कि राज्य का संवैधानिक प्रमुख होने के नाते उनसे संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अहम भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है. उन्होंने आग्रह किया है कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक अनिश्चितता का वातावरण दूर करने के लिए इस मामले में शीघ्र सुनवाई करें.
ये भी पढ़ें: