(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand Politics: केंद्र पर जमकर बरसे सीएम सोरेन, कहा - केंद्र ने अभी तक 5000 करोड़ नहीं दिए
Jharkhand Politics News: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सीएम हेमंत सोरेन ने हमलावर रुख अख्तियार करते हुए कहा कि आदिवासी, ओबीसी और गरीबों को उत्थान मोदी और बीजेपी को पंसद नहीं.
Jharkhand Assembly Winter Session News: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren ) ने सदन के अंदर भाजपा ( BJP ) और केंद्र सरकार ( Modi Govrnment ) पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले अब महंगाई पर नहीं बोलते। 400 रुपए वाली गैस 1200 रुपये और 5 रुपये का प्लेटफार्म टिकट 50 रुपये में मिल रहा है. रुपये के मुकाबले डॉलर का भाव आजादी के बाद सबसे उच्च स्तर पर है. आज रेलवे और आर्मी में नौकरी बंद हैं. अग्निवीर योजना लाकर इन्होंने चार साल में युवाओं को बेरोजगार करने का प्रबंध कर दिया. ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश लोग इन्हीं क्षेत्रों में नौकरी में जाते हैं, लेकिन इनके बारे में बीजेपी वाले नहीं सोचते.
BJP को सच्ची बातें सुनने की आदत नहीं
झारखंड विधानसभा में जिस समय सीएम हेमंत सोरेन ( Hemant soren ) अपना बयान दे रहे थे उस सयम बीजेपी ( BJP ) विधायक सदन से गैरहाजिर रहे। मुख्यमंत्री ने इसपर तंज कसते हुए कहा कि इन्हें सच्ची और कड़वी बातें सुनने की आदत ही नहीं है. हो भी कैसे, जिन लोगों ने 20 वर्षों तक मखमल पर समय गुजारा है, जिन्होंने कभी गरीबी, मुफलिसी की मार नहीं झेली, वे गरीबों, पिछड़ों और दलितों के हक की बात कैसे सुन सकते हैं.
केंद्र ने झारखंड के लोगों का हक मारा
केंद्र पर झारखंड की हकमारी का आरोप लगाते हुए सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड की रॉयल्टी के करोड़ों रुपये का बकाया है. जब मांगते हैं तो कोई जवाब नहीं मिलता. जीएसटी के 5000 करोड़ बकाया है. बार-बार मांगने पर भी नहीं मिल रहा है. प्रधानमंत्री आवास देने की बात कहते हैं, लेकिन 8 लाख आवास भारत सरकार के पास पेंडिंग हैं. वे गरीबों के लिए अनाज नहीं दे रहे हैं। हम बाजार से खरीदकर गरीबों को अनाज दे रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी को बनाया मुखौटा नेता
बीजेपी शीर्ष नेतृत्व पर आदिवासियों के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने बाबूलाल मरांडी को आदिवासी के नाम पर झारखंड में मुखौटा नेता बनाकर रख दिया है. इन्हें लगता है कि आदिवासी इनकी चिकनी चुपड़ी बातों में आ जाएंगे. भाजपा की चतुराई झारखंड के लोग समझ गए हैं.
इसी तरह उन्होंने कहा कि बीजेपी वालों ने हमारी सरकार की नियोजन नीति कोर्ट से खारिज होने का ठीकरा भी सीएम पर फोड़ा है. हमारी सरकार ने नियोजन नीति झारखंडियों के हित में बनाई थी. इस नीति में आदिवासी, दलित और ओबीसी के हितों की रक्षा शामिल थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश हांसदा और बाकी यूपी-बिहार के 19 लोगों ने इसके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर दी. क्या इस राज्य में आदिवासी को यहां नौकरी का अधिकार नहीं?
भगवा समर्थकों को आदिवासी नौजवान पसंद नहीं
सीएम हेमंत सोरेन यहीं पर नहीं रुके, आगे उन्होंने कहा कि झारखंड में में 20 साल के बाद वातावरण में बदलाव हो रहा है. हमने कई नीतियां बनाई. कई उद्योग शुरू हुए. हमारी नीति से बड़े-बड़े उद्योग घराने खुश थे. हमारी बातचीत औद्योगिक घरानों से हुई थी. ये बात बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को हजम नहीं हो रहा है. भगवा झंडा बुलंद करने वाले लोगों को यह नहीं पच रहा है कि एक आदिवासी नौजवान के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है. ये भय का वातावरण तैयार किये हुए हैं, लेकिन सरकार मजबूती के साथ खड़ी है.
यह भी पढ़ें: Jharkhand News: केंद्र ने झारखंड से सम्मेद शिखर जी पर फिर से विचार को कहा, पर्यटन स्थल बनाने का हो रहा है विरोध