Jharkhand Politics: केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले के पहले झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के आवास पर शनिवार को सत्तापक्ष की बैठक बुलाई गई है जो फिलहाल मुख्यमंत्री के आवास पर जारी है. इसको लेकर कई चर्चाएं तेज हो गयी हैं. इस बैठक में जेएमएम, कांग्रेस और राजद के विधायक शामिल हुए हैं. बैठक में भविष्य की योजना पर रणनीति तैयार होने की बाते सामने आ रही है. इसके अलावा चुनाव आयोग के फैसले को लेकर भी रणनीति बनाए जाने की भी संभावना जताई जा रही है. हालांकि जेएमएम और कांग्रेस के नेता इस बैठक को राज्य की समस्याओं पर चर्चा बता रहे हैं. बैठक की खबर सुप्रीम कोर्ट द्वारा झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री सोरेन की एक याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखने के एक दिन बाद आई है, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोरेन के खिलाफ जांच की.
इस मामले में सीएम सोरेन पर लटकी है तलवार
इसी तरह, भारतीय चुनाव आयोग ने भी सोरेन के खिलाफ विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा दायर "लाभ के पद" की शिकायत पर दलीलें पूरी कर ली हैं. भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखने के मद्देनजर, झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपने विधायकों को अलर्ट मोड में डाल दिया है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को 24 अगस्त तक झारखंड नहीं छोड़ने का निर्देश दिया था, और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि वे किसी भी संकट जैसी स्थिति के मामले में पांच घंटे के भीतर राज्य की राजधानी पहुंचें.
इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मौजूदा राजनीतिक हालात पर बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि "झारखंड में भाभी जी के ताजपोशी की तैयारी,परिवारवादी पार्टी का बेहतरीन नुस्ख़ा गरीब के लिए"
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चुनाव आयोग का फैसला किसी भी समय आने की उम्मीद
इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो और झामुमो के एक अन्य विधायक निराल पूर्ति ने राष्ट्रमंडल कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कनाडा की अपनी यात्रा रद्द कर दी. इससे भी अटकलें तेज हो गई हैं. सत्तारूढ़ गठबंधन के सूत्रों ने बताया कि सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ चुनाव आयोग द्वारा अपना फैसला सुनाए जाने की स्थिति में उत्पन्न होने वाले किसी भी संभावित संकट से निपटने के लिए रणनीति बनाने के लिए शनिवार को यूपीए विधायकों की बैठक बुलाई गई है. चुनाव आयोग ने 12 अगस्त को मामले की सुनवाई पूरी की और फैसला अब किसी भी समय आने की संभावना है. सूत्रों ने दावा किया कि चुनाव आयोग द्वारा अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन के नेता घबरा रहे हैं.
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