Jharkhand Politics: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के शिकंजे के बाद हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. वहीं उनके इस्तीफे के बाद से ही झारखंड में सियासी घटनाक्रम देखने को मिला. हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनने की चर्चा भी प्रदेश के सियासी गलियारों में होती रही, लेकिन विरोध के बाद उनको मुख्यमंत्री नहीं बनाने का फैसला लिया गया. इन सबके बीच मुख्यमंत्री के नाम पर चंपई सोरेन का नाम कैसे सामने आया, इसको लेकर लोगों के जहन में सवाल घूम रहा था, लेकिन अब इस सवाल के जवाब के तौर पर जेएमएम सांसद महुआ माजी ने बड़ा खुलासा किया है.
चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री के नाम को लेकर सांसद महुआ माजी ने बताया, "हेमंत सोरेन ने एक बंद लिफाफे में चंपई सोरेन का नाम लिखकर छोड़ दिया था. गिरफ्तारी का पता चलते ही उस लिफाफे को सभी विधायकों के सामने खोला गया. लिफाफे में चंपई का नाम था. हेमंत सोरेन ने और भी बहुत भावुक बातें लिखी थीं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्र में लिखा कि उनके बूढ़े माता पिता का ध्यान रखा जाए. बसंत का ध्यान रखा जाए. विधायकों को तोड़ने का खतरा था, इसलिए हैदराबाद भेजा गया सतर्क रहने के लिए."
झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शपथ ग्रहण के बाद कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार ने यहां के आदिवासियों-मूलवासियों के लिए जो काम शुरू किया था, उसे गति देंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से किए जाने वाले झूठे प्रचार और झारखंड को अस्थिर करने के प्रयास को हमारे गठबंधन ने सफल नहीं होने दिया. आगे भी उनके हर षड्यंत्र को नाकाम कर देंगे.
चंपई ने आगे कहा कि हमारी सरकार झारखंड के सभी वर्गों और समाज के हितों के लिए वैसे ही काम करेगी, जैसा हेमंत बाबू कर रहे थे. सोरेन ने आदिवासियों, दलितों, मूलवासियों के विकास और जल-जंगल-जमीन के मुद्दों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई. शपथ ग्रहण के पहले चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रमुख शिबू सोरेन और उनकी पत्नी रूपी सोरेन से उनके आवास जाकर मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया.
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