UPA MLAs Meeting Over Jharkhand Political Crisis: झारखंड में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने की विधानसभा सदस्यता पर फैसला होने वाला है. बंद लिफाफे में चुनाव आयोग ने जो राय भेजी है उसने हेमंत सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा दी है. खबर ये है चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता को रद्द करने की सिफारिश कर दी है. चुनाव आयोग की सिफारिश पर आखिरी फैसला राज्यपाल को लेना है. इस बीच झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने यूपीए विधायकों की एक बैठक बुलाई है.
भविष्य की रणनीति पर चर्चा
जानकारी के मुताबिक, बैठक में विधायकों के साथ भविष्य की राजनीतिक रणनीति पर चर्चा की जाएगी. बृहस्पतिवार को हेमंत सोरेन ने इस विवाद के लिए विपक्षी बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया था. सोरेन ने कहा था कि, "ऐसा लगता है कि बीजेपी नेताओं और उनके चाटुकारों ने रिपोर्ट का मसौदा तैयार किया है जो सीलबंद लिफाफे में है."
बीजेपी ने लगाया आरोप
गौरतलब है कि, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता का मामला खनन का पट्टा और शेल कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी से जुड़ा है. बीजेपी के नेताओं ने 11 फरवरी को सोरेन के खिलाफ राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सीएम पद पर रहते हुए सोरेन ने अपने नाम खदान आवंटित की थी. इसके साथ ही, इस ज्ञापन में सोरेन परिवार पर छद्म कंपनी में निवेश कर संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप लगाया गया है. बीजेपी की ओर से लगाए गए इन आरोपों के बाद राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
सरकार पर खतरा नहीं
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जाने पर गठबंधन सरकार को फिलहाल कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है. यहां जेएमएम के 30 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 18 एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक विधायक समेत लगभग 50 विधायकों का सरकार को समर्थन प्राप्त है. 81 सदस्यीय विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के कुल 26 विधायक हैं जबकि उसके सहयोगी आजसू के 2 विधायकों के अलावा बीजेपी को 2 अन्य विधायकों का आमतौर पर समर्थन मिलता रहा है. ऐसे में बीजेपी और सहयोगियों को मिलाकर उन्हें अधिकतम 30 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
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