झारखंड: राज्य में संभावित तीसरे लहर की आशंका के मंडराते बादलों के बीच अब राज्य में लॉकडाउन के आसार बनने लगे हैं. झारखंड में पिछले एक हफ्ते में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार काफी तेज़ हुई है. रविवार को जारी किए गए कोविड-19 बुलेटिन में राज्य में लगातार दूसरे दिन 1 हजार से ज्यादा कोविड के मरीज़ मिले हैं. रविवार के आंकड़ों की बात करें तो राज्य में 1057 नए कोविड मरीज़ मिले हैं.
कोरोना की इसी बेलगाम रफ़्तार को देखते हुए राज्य की आपदा प्रबंधन विभाग ने सोमवार को कोरोना और इसके रोकथाम को लेकर एक मीटिंग बुलाई है. राज्य सरकार ने इस संदर्भ में स्वास्थ्य एवं दूसरे विभागों से सुझाव भी मांगे है. इसी मीटिंग में राज्य में मौजूदा परिस्थिति को ध्यान में रख कर यह फैसला लिया जा सकता है कि आने वाले समय में राज्य में लॉकडाउन लगाया जाएगा या नहीं.
कोविड के बढ़ते संक्रमण के बीच राज्य में लॉकडाउन की अफ़वाहों ने भी अपना विस्तार करना शुरू कर दिया है. राज्य में लॉकडाउन को लेकर विचार किया जा रहा है परंतु अभी राज्य के किसी भी जिले में लॉकडाउन नहीं लगाया गया है. इन्हीं अफ़वाहों पर पूर्णविराम लगाते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ट्वीट किया गया-“राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के विभिन्न विभागों से सुझाव मांगे हैं. आपकी सरकार स्तिथि पर अपनी पैनी नज़र बनाए हुए है. आपकी सुरक्षा और विभागों के सुझावों को ध्यान में रखकर कल (सोमवार) को आपदा प्रबंधन विभाग की मीटिंग में उचित फैसले लेगी.”
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा आगे एक और ट्वीट कर लोगों को अफ़वाहों से बचने और वायरस से सावधान रहने को कहा गया. कार्यालय द्वारा ट्वीट में लिखा गया-“जब तक मीटिंग में किसी भी फैसले पर सहमति नहीं बन जाती तब तक अफ़वाहों से बचे और उन पर ध्यान न दें. कृपया बिना मास्क के घर से बाहर न निकलें और बच्चे और बूढ़ों का विशेष ख्याल रखें.”
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हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आपदा प्रबंधन प्रधिकार को 16 बिंदुओं का सुझाव भेजा है. स्वास्थ्य सचिव ने राज्य में 15 जनवरी तक नाइट कर्फ्यू लगाने, पार्क, जिम, धार्मिक स्थल, स्पोर्ट्स कांप्लेक्स, मॉल और शिक्षण संस्थान बंद रखने का सुझाव दिया है. सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अनुपालन करवाने के लिए स्वास्थ्य सचिव ने शादियों में 50 लोगों को ही सिर्फ शामिल होने देने की अनुमति देने का सुझाव दिया है. कार्यालयों में 50 प्रतिशत मानव बल के साथ काम करने की अनुमति होनी चाहिए और राज्य में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही आने की अनुमति हो जैसे कई सुझाव प्राधिकार को भेजे हैं.