Ranchi News: बिरसा बॉयोलॉजिकल पार्क में राधा नामक मादा तेंदुए की मौत, डॉक्टर ने हेपेटाइटिस को बताया मौत की वजह
Ranchi: भगवान बिरसा बॉयोलॉजिकल पार्क में राधा नामक मादा तेंदुआ को वाजिद अली शाह चिड़ियाघर लखनऊ दो मार्च 2017 को लाया गया था. लखनऊ में राधा का जन्म पांच जून 2009 को हुआ था.
Jharkhand News: झारखंड के रांची (Ranchi) के भगवान बिरसा बॉयोलॉजिकल पार्क में शुक्रवार को एक मादा तेंदुएं की मौत हो गई. इस मादा तेंदुए का नाम राधा बताया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार राधा की उम्र करीब 14 साल थी. राधा 10 जुलाई से बीमार थी उसका इलाज पार्क के ही पशु डॉक्टर ओम प्रकाश साहू कर रहे थे. इसके साथ ही रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय कांके के पशु डॉक्टर अंसार अहमद और देहरादून के पशु चिकित्सक से भी राधा के स्वास्थ्य को लेकर परामर्श लगातार लिया जा रहा था.
वहीं पोस्टमार्टम के बाद मादा तेंदुआ राधा के शव को जू में जला दिया गया. जू प्रशासन ने बताया कि राधा नामक मादा तेंदुआ की मौत प्रथम दृष्टया हेपेटाइटिस और निमोनिया से ग्रसित होने से हुई है. मादा तेंदुआ राधा के बिसरा को जांच के लिए देहरादून और कांके वेटनरी कॉलेज भेजा गया है. पार्क के पशु चिकित्सा ओपी साहू ने बताया कि राधा की 10 जुलाई को तबीयत खराब हो गई थी.
2017 में लाया गया था यहां
भगवान बिरसा बॉयोलॉजिकल पार्क में राधा नामक मादा तेंदुआ को वाजिद अली शाह चिड़ियाघर लखनऊ दो मार्च 2017 को लाया गया था. लखनऊ में राधा का जन्म पांच जून 2009 को हुआ था. राधा के साथ रानी नामक मादा तेंदुआ भी लाई गई थी. भगवान बिरसा बॉयोलॉजिकल पार्क में राधा नामक मादा तेंदुआ की मौत के बाद आठ तेंदुआ बचे हैं. इनमें पांच मादा और और तीन नर तेंदुआ शामिल हैं. इनमें मिर्जा, हरि, प्रकाश, रानी, वैदेही, ज्योति और बोकारो से लाए गए दो तेंदुआ जिसका नाम नहीं रखा गया है.
क्या होती है इनकी खूबी
बता दें कि, तेन्दुआ पैन्थरा जीनस का एक विडाल है जो अफ़्रीका और एशिया में पाया जाता है. यह विडाल प्रजातियों जैसे शेर, बाघ और जैगुअर की तुलना में सबसे छोटा होता है, लेकिन तेंदुए बहुत शक्तिशाली और चतुर जीव होते है और इनकी एकाग्रता तो लाजवाब होती है. शिकार को पकड़ने की तकनीक और हमला करने की शैली इन्हें एक अव्वल दर्जे का शिकारी बनाती है.