Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बृहस्पतिवार को यह स्वीकार किया कि ईडी द्वारा गिरफ्तार राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल को उनकी सरकार के दौरान मनरेगा में कथित भ्रष्टाचार मामले में क्लीन चिट मिली थी. पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दास ने 'पीटीआई-भाषा' को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा 'पूजा सिंघल के खिलाफ उनकी सरकार ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक समिति से विभागीय जांच कराई थी. उस समय उनके खिलाफ उचित साक्ष्य नहीं मिलने पर समिति ने क्लीन चिट दी थी, जिसे उनकी सरकार ने स्वीकार कर लिया था.'
दास सरकार में कैसे मिली सिंघल को क्लीन चिट
बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि पूजा सिंघल को मनरेगा में कथित भ्रष्टाचार के मामले में पिछली रघुवर दास सरकार ने क्लीन चिट दी थी. पूर्व मुख्यमंत्री दास ने साथ ही कहा कि अब जबकि ईडी को पूजा सिंघल के खिलाफ भ्रष्टाचार के पर्याप्त सबूत मिल चुके हैं तो कार्रवाई पर किसी को गुरेज नहीं होना चाहिए.
दास से हेमंत सोरेन पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
दास ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार राज्य की खनन सचिव पूजा सिंघल के करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कार्यालय शामिल है और इस मामले में अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बच नहीं सकते. पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार की गंगोत्री ऊपर से नीचे की ओर बहती है और झारखंड में हुए करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में यही हुआ है. अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस भ्रष्टाचार से दामन छुड़ा नहीं सकते.’’
झारखंड के जल, जंगल बचाने की लड़ाई लड़ रही बीजेपी
साथ ही दास ने यह भी स्पष्ट किया, ‘‘उनकी और बीजेपी की लड़ाई मुख्यमंत्री सोरेन को पद से हटाने की नहीं है, बल्कि यह लड़ाई झारखंड एवं इसके जल, जंगल और जमीन को बचाने की है." सिंघल को ईडी ने तीन दिनों तक लंबी पूछताछ के बाद 11 मई को करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार कर लिया था. सिंघल पर खूंटी जिले में उपायुक्त के कार्यकाल के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में किये गये कथित भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में ईडी ने कार्रवाई की है.
मेरे कार्यकाल में एक पैसे का भ्रष्टाचार नहीं हुआ
विधानसभा भवन एवं झारखंड उच्च न्यायालय के भवन के निर्माण में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच हेमंत सरकार द्वारा न्यायिक आयोग से करवाने के फैसले को लेकर दास ने कहा ‘‘पांच वर्षों के मेरे कार्यकाल में एक पैसे का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ है... मुख्यमंत्री जितने कमीशन बनाने चाहें बना लें, उन्हें कुछ नहीं मिलने वाला क्योंकि ‘सांच को कोई आंच नहीं होती.’’
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