ST Status In Jharkhand: पूर्वी भारत के अनेक हिस्सों में कुर्मी समुदाय के लोगों ने मंगलवार को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने और कुरमाली भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की अपनी मांग को लेकर झारखंड में मंगलवार को रेलवे पटरियों पर आवागमन बाधित किया. साथ ही इस तरह के प्रदर्शन पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी किए गए. 


आंदोलनकारी अनेक स्थानों पर पटरियों पर बैठ गये जिसकी वजह से अनेक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, गंतव्य से पहले रोकना पड़ा या मार्ग बदलना पड़ा. रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) के आद्रा मंडल के कुस्तौर और निमडीह स्टेशनों, खड़गपुर मंडल के खेमासुली और भांजपुर तथा चक्रधरपुर मंडल के औनलाजोरी स्टेशन पर आंदोलन के कारण सुबह चार बजे से ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं.


एसईआर ने 18 ट्रेनों को निरस्त कर दिया है और 13 ट्रेनों के मार्ग बदले हैं. अधिकारी ने कहा कि रद्द की गई ट्रेनों में 12814/12813 टाटानगर-हावड़ा-टाटानगर स्टील एक्सप्रेस, 12021/12022 हावड़ा-बारबिल-हावड़ा जनशताब्दी एक्सप्रेस, 22861 हावड़ा-तितलागढ़-कांटाभांजी इस्पात एक्सप्रेस, 13512/13511 आसनसोल-टाटानगर-आसनसोल एक्सप्रेस, 18183 टाटानगर-दानापुर एक्सप्रेस और 18033/18034 हावड़ा-घाटसिला-हावड़ा एक्सप्रेस हैं.


एसईआर के अधिकारियों के मुताबिक जिन ट्रेनों के मार्ग बदले गये हैं, उनमें 15930 न्यू तिनसुकिया-तांबरम एक्सप्रेस, 18029 मुंबई एलटीटी-शालीमार एक्सप्रेस, 12833 अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस, 12859 मुंबई सीएसएमटी-हावड़ा एक्सप्रेस और 22823 भुवनेश्वर-नई दिल्ली एक्सप्रेस शामिल हैं.


एक अधिकारी ने बताया कि आंदोलनकारियों ने पुरुलिया में एक राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम किया. ओडिशा में समुदाय के सैकड़ों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने मयूरभंज जिले में रेल रोको आंदोलन किया. हालांकि स्थानीय प्रशासन के आश्वासन के बाद ओडिशा में आंदोलन वापस ले लिया गया.


बीजू जनता दल की राज्यसभा सदस्य ममता महंत ने आंदोलन स्थल पर पहुंचने के बाद कहा, ‘‘मैं इस मांग का पूरी तरह समर्थन करती हूं. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने समुदाय की एक महिला को संसद में भेजकर कुर्मियों का सम्मान किया है. आंदोलन में मेरी भागीदारी राजनीतिक नहीं है बल्कि अपने समुदाय के लिए हैं.’’


ओडिशा में करीब 25 लाख कुर्मी रहते हैं जिनमें अधिकतर मयूरभंज, क्योंझर, सुंदरगढ़, बालासोर, जाजपुर और संबलपुर जिलों में रहते हैं. दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री पटनायक ने केंद्रीय आदिवासी कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा को पत्र लिखकर 160 समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने का आग्रह किया था.


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