Rajya Sabha elections: राज्यसभा सीट पर मचे घमासान के बाद झारखंड कांग्रेस चीफ बोले- अकड़ से गठबंधन नहीं चलता
Jharkhand कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने रांची में कहा, अकड़ से गठबंधन नहीं चलता. कांग्रेस किसी दल के आगे नतमस्तक होने वाली पार्टी नहीं है.
राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) के बीच झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस (Jharkhand Congress) के बीच दरार बढ़ती जा रही है. यहां JMM के महुआ माजी को उम्मीदवार बनाने से कांग्रेस नाराज है. झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर (Jharkhand Congress President Rajesh Thakur) ने आज रांची (Ranchi) में गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, गठबंधन होता है तो सभी लोग एक दूसरे के आगे नतमस्तक होते हैं तभी गठबंधन चलता है. अकड़ से गठबंधन नहीं चलता.
कांग्रेस किसी दल के आगे नतमस्तक होने वाली पार्टी नहीं-राजेश
झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा, ''हम लोग जानते हैं कि कैसे राज्य के विकास को गति देनी है. उनके लिए अगर कोई कहता है कि हम नतमस्तक हैं तो निश्चित रूप से झारखंड की जनता के लिए नतमस्तक हो सकते हैं. कांग्रेस किसी दल के आगे नतमस्तक होने वाली पार्टी नहीं है.'' बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद चौंकाने वाला फैसला लिया है. यह फैसला महुआ माजी को राज्यसभा प्रत्याशी बनाने का है. सीएम ने कल यानी शनिवार को सोनिया गांधी से एक घंटे मुलाकात की थी.
हम लोग जानते हैं कि कैसे राज्य के विकास को गति देनी है। उनके लिए अगर कोई कहता है कि हम नतमस्तक हैं तो निश्चित रूप से झारखंड की जनता के लिए नतमस्तक हो सकते हैं। कांग्रेस किसी दल के आगे नतमस्तक होने वाली पार्टी नहीं है: झारखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, रांची pic.twitter.com/RiBObQiQv2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 31, 2022
कांग्रेस चाहती थी उसका उम्मीदवार जाए राज्यसभा
राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद मिलकर सरकार चला रहे हैं. सीएम सोरेन ने महुआ माजी के नाम की घोषणा झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के साझा प्रत्याशी के बजाय झामुमो प्रत्याशी के तौर पर किया है. इससे पहले राज्य के कांग्रेस नेताओं ने सीएम से मुलाकात कर कहा था कि, राज्यसभा के पिछले चुनाव में गठबंधन की ओर से झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन साझा प्रत्याशी थे, इसलिए इस बार रोटेशन के आधार पर कांग्रेस कोटे से साझा प्रत्याशी की दावेदारी बनती है. कांग्रेस चाहती थी कि इसबार उसका उम्मीदवार राज्यसभा जाए. पार्टी लगातार इसकी मांग कर रही थी.