Jharkhand CRPF Jawan Supply Weapons to Naxalites Arrested: झारखंड पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (Anti Terrorist Squad of Jharkhand Police) को बड़ी कामयाबी मिली है. सीआरपीएफ (CRPF) का एक जवान झारखंड (Jharkhand) और बिहार (Bihar) में नक्सलियों और आपराधिक गिरोहों को एके-47 सहित कई तरह के हथियार और कारतूस की सप्लाई करता था. इसी मामले में पुलिस के एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (Anti Terrorist Squad) ने आरोपी जवान और उसके 2 साथियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी जवान मूलरूप से गया जिले का रहने वाला है. 


चला रहा था नेटवर्ट 
एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद ने प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया कि सीआरपीएफ जवान हथियार सप्लाई का एक पूरा नेटवर्क चला रहा था. बिहार का रहने वाला अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ की 182 नंबर बटालियन में तैनात था. वो मूलरूप से गया जिले के इमामगंज का रहने वाला है. सीआरपीएफ में उसकी नियुक्ति 2011 में बिहार स्थित मोकामा ग्रुप सेंटर में हुई थी. पिछले 4 महीनों से वो ड्यूटी पर नहीं गया था. 


नक्सली संगठनों को करते थे हथियार की सप्लाई 
झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने अविनाश कुमार के एक साथी ऋषि को पटना जिले के सलीमपुर थाना क्षेत्र गिरफ्तार किया है. हथियार सप्लायर गिरोह का एक अन्य सदस्य पंकज कुमार सिंह मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र का रहने वाला है और इन दिनों धनबाद के भूली इलाके में रहकर कोयले का कारोबार कर रहा था. उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इनके पास से एटीएस ने 250 जिंदा कारतूस भी बरामद किया है. सभी कारतूस इंसास रायफल के हैं. आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वो झारखंड के नक्सली संगठनों के अलावा जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के गिरोह, अमन साहू गिरोह, अमन सिंह गिरोह और अमन श्रीवास्तव गिरोह को भी हथियार और कारतूस की सप्लाई करते हैं.


सोशल मीडिया के जरिए करते थे संपर्क 
पुलिस को ये भी पता चला है कि गिरोह ने बिहार की जेलों में बंद अपराधी हरेंद्र यादव और लल्लू खान के गिरोह को भी हथियार और कारतूस बेचे हैं. अविनाश के साथ पकड़ा गया ऋषि कुमार ट्रांसपोर्ट का काम करता था. माओवादियों और ठेकेदारों को हथियार बेचने की जिम्मेदारी वही संभालता था. आरोपियों ने बताया है कि झारखंड के चाईबासा में काम करने वाला एक ठेकेदार संजय सिंह नक्सलियों को सप्लाई किए जाने वाले हथियारों के एवज में उन्हें मोटी रकम का भुगतान करता था. इस गिरोह के लोग हथियारों की सप्लाई के लिए टेलिग्राम और व्हाट्सएप के जरिए एक-दूसरे से संपर्क करते थे. 


प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को मिले इनपुट
माना जा रहा है कि माओवादियों के टॉप लीडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को कई क्लू मिले हैं, जिसके आधार पर विभिन्न इलाकों में लगातार छापेमारी की जा रही है.



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