Ranchi Violence: 28 FIR दर्ज, 31 नामजद और करीब 11 हजार अज्ञात को बनाया गया आरोपी
Ranchi News: रांची में हुए उपद्रव के मामले में अब तक 28 एफआईआर दर्ज की गई हैं. 31 नामजद और करीब 11 हजार अज्ञात को आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने रांची के कई इलाकों में छापेमारी भी की है.
Prophet Muhammad Row Ranchi Violence: भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) और निष्कासित नेता नवीन जिंदल की पैगंबर मोहम्मद (Prophet Muhammad) के खिलाफ कथित विवादित टिप्पणी के मामले को लेकर झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में शुक्रवार को भड़की हिंसा के बाद माहौल तेजी से सुधर रहा है और स्थिति शांतिपूर्ण है. कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. मामले में 4 से 5 लोगों की गिरफ्तारी की बात सामने आ रही है लेकिन, गिरफ्तार हुए लोगों की संख्या कितनी है इसकी पुष्टि पुलिस के तरफ से अभी नहीं की गई है. इस बीच बिहार के मंत्री नितिन नवीन (Nitin Naveen) की गाड़ी पर हुए हमले के मामले में मोहम्मद अनीस (Mohd Anees) को गिरफ्तार किया गया है. अनीस रांची के पहाड़ी टोला का रहने वाला बताया जा रहा है.
करीब 11 हजार अज्ञात को बनाया गया आरोपी
गौरतलब है कि, रांची में हुए उपद्रव के मामले में अब तक 28 एफआईआर (FIR) दर्ज की गई हैं. 31 नामजद और करीब 11 हजार अज्ञात को आरोपी बनाया गया है. पुलिस ने रांची के हिंदपीढ़ी, निजाम नगर, छोटा तालाब, नाला रोड सहित कई इलाकों में छापेमारी भी की है. एक दर्जन युवकों को पुलिस पूछताछ के लिए ले गई है. इन युवकों से अलग-अलग थानों में पूछताछ होगी. इन युवकों का सीसीटीवा में कैद तस्वीरों से मिलान भी किया जाएगा.
रांची हिंसा पर चढ़ा सियासी पारा
रांची में हुई घटना को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal marandi) ने कहा है कि समाज में हिंसक उत्पात मचाने की इजाजत किसी को भी नहीं है. रांची में जो दृश्य दिखा उसमें पुलिस पूरी तरह असहाय दिखी. बाबूलाल मरांडी ने घटना को अंजाम देने वाले दोषियों की गिरफ्तारी करने और उन पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.
विपक्ष के निशाने पर सरकार
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर कहा है कि, ''रांची में हुए हिंसा के बाद वैसे भी सरकार के प्रिय विधायक उपद्रवियों के परिजनों को 50 लाख मुआवजे की सिफारिश कर चुके हैं. कहीं इनके तुष्टिकरण की राजनीति में झारखंड आतंकियों का चारागाह न बन जाए! हेमंत सोरेन जी ऐसी क्षुद्र राजनीति छोड़कर साढ़े तीन करोड़ झारखंडियों की चिंता करिए.''
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