Relief To Shibu Soren From Delhi High Court: आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha) के सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन (Shibu Soren) को अदालत से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने उनके खिलाफ भारत के लोकपाल की ओर से शुरू की गई कार्यवाही पर फिलहाल रोक लगा दी है. सोरेन ने इस कार्यवाही को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस यशवंत वर्मा की कोर्ट ने सोमवार को शिबू सोरेन की याचिका पर सुनवाई करते हुए विभिन्न पक्षों को नोटिस जारी किया है. सोरेन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अरुणाभ चौधरी और अधिवक्ता प्रज्ञा सिंह बघेल ने पक्ष रखा.


2 साल पहले दायर की गई थी याचिका 
बता दें कि, शिबू सोरेन और उनके परिजनों के नाम पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत लोकपाल के समक्ष 2 वर्ष पूर्व 5 अगस्त 2020 को ही दायर की गई थी. इसमें कहा गया था कि सोरेन और उनके परिजनों ने झारखंड के सरकारी खजाने का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार से अर्जित राशि से अनेक संपत्तियां बनाई हैं. इनमें कई बेनामी आवासीय और कमर्शियल परिसंपत्तियां भी हैं. 


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इस शिकायत पर सुनवाई करते हुए लोकपाल की फुल बेंच ने 15 सितंबर, 2020 को सीबीआई को लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 की धारा 20 (1) (ए) के तहत मामले में पीई (प्रीलिमिनरी इन्क्वायरी) दर्ज कर 6 महीने में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था. सीबीआई ने मामले की जांच के बाद मार्च 2021 और उसके बाद 1 जुलाई 2021 को सोरेन परिवार की संपत्ति का पूरा ब्यौरा और उनके आयकर रिटर्न पर लोकपाल को रिपोर्ट सौंपी थी. इसके आधार पर लोकपाल ने शिबू सोरेन और परिवार के सदस्यों को नोटिस भेजकर उनका पक्ष मांगा था.


इसके बाद सोरेन परिवार के सदस्यों से मिले जवाब के आलोक में सीबीआई ने अंतिम पीई रिपोर्ट बीते 29 जून को लोकपाल के यहां दाखिल की. इसमें सीबीआई की ओर से कहा गया है कि सोरेन और परिवार के सदस्यों ने आय के ज्ञात और घोषित स्रोत से ज्यादा कई बेनामी संपत्तियां बनाई हैं. लोकपाल ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई की विस्तृत रिपोर्ट के अवलोकन के आधार पर ये पाया गया है कि इस मामले में धारा 20(3) के अंतर्गत प्रोसिडिंग शुरू की जानी चाहिए. इस सिलसिले में शिबू सोरेन को लोकपाल की ओर से नोटिस जारी किया गया था. 


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