Jharkhand: राज्य में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले हर दिन के साथ और भयावह होते जा रहे हैं. लगातार आज दूसरे दिन राज्य में सामने आए कुल मामले 1000 के पार रहे हैं. रविवार को जारी किए गए हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में एक दिन में 1057 नए मरीज़ों की पुष्टि हुई है. झारखंड की राजधानी रांची से हर दिन राज्य के सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं.
रविवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार राजधानी रांची में ही 413 नए संक्रमित मिले हैं. और इसी के साथ राज्य में कुल एक्टिव केसों की संख्या 4 हजार के पार हो चुकी है. इससे पहले शनिवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार राज्य में कुल 1007 नए मामले सामने आए थे.
क्या है राज्य के अलग-अलग जिलों की स्तिथि?
अगर कोरोना के सामने आए नए मामलों की बात करें तो राज्य की राजधानी के बाद सबसे अधिक कोरोना संक्रमितों की पुष्टि पूर्वी सिंहभूम में हुई. पूर्वी सिंहभूम में एक दिन में 179 नए कोरोना मरीज़ पाए गए हैं. दूसरे जिलों का हाल भी काफ़ी चिंतजनक बना हुआ है. धनबाद में रविवार को 110 नए मामले सामने आए तो वहीं बोकरो में यह आंकड़ा 93 रहा. पश्चिमी सिंहभूम में 84, कोडरमा में 42, हज़ारीबाग और देवघर में 30-30, रामगढ़ में 24, खूंटी में 17, गिरिडीह में 10, जामताड़ा में 7, सिमडेगा में 6, गोड्डा में 5, चतरा में 4, लातेहार, लोहरदगा और पलामू में 1-1 नए संक्रमित मिले हैं. वहीं दुमका, गढ़वा, गुमला, पाकुड़, साहेबगंज, सरायकेला राज्य के उन जिलों में रहे जहां कोई भी नए संक्रमित नहीं मिले हैं.
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कोरोना की रफ़्तार आंकड़ों के अनुसार
राज्य में कोरोना की रफ़्तार की बात करें तो आंकड़ें बताते हैं कि राज्य में वायरस का संक्रमण 29 दिसंबर से आक्रमक होना शुरू हुआ था. 29 दिसंबर को राज्य में कुल 344 लोग संक्रमित पाए गए थे और एक्टिव केस की संख्या राज्य में 600 से अधिक हो चुकी थी. इसके बाद 30 दिसंबर को जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार पूरे राज्य में कुल 482 नए संक्रमित मिले थे और एक्टिव केस 1300 के आस-पास पहुंच चुके थे. वहीं 31 दिसंबर को पूरे राज्य भर में 753 नए मामले सामने आए थे और नए साल के पहले दिन से ही राज्य में प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
अभी तक राज्य में नहीं हुई है ओमिक्रोन की पुष्टि
जहां एक ओर राज्य में कोरोना के मामलों ने पूरे राज्य को दहशत में डाल दिया है तो वहीं अभी भी झारखंड देश के उन बचे हुए राज्यों में शामिल है जहां अभी एक भी ओमिक्रोन का मामला सामने नहीं आया है. और यही कारण है कि प्रशासन अभी इसे तीसरी लहर मानना जल्दबाज़ी समझता है. हालांकि, ओमिक्रोन के मामलों के बिना ही राज्य जिस तरह कोरोना की चपेट में आता चला जा रहा है उसने राज्य के शासन-प्रशासन को सेमी लॉकडाउन जैसे विकल्पों पर सोचने को मजबूर कर दिया है.