Jharkhand News: झारखंड रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) ने जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनी और उसके तीन साझेदारों को ब्लैक लिस्ट में डाला है. यह कार्रवाई नियमों का उल्लंघन करने और परियोजनाओं का पंजीकरण नहीं करने के लिए किया गया. इसके साथ उन्हें कोई भी परियोजना लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. रेरा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. कंपनी और उसके तीन साझेदारों के खिलाफ कुल 18 शिकायतें मिल चुकी हैं.


झारखंड रेरा के चेयरमैन रंजीत कुमार चौधरी ने बताया कि, झारखंड में ऐसी पहली कार्रवाई करते हुए हमने तीन साल पहले अदालत के आदेश के बावजूद झारखंड रेरा में पंजीकरण नहीं करने और विभिन्न नियमों का उल्लंघन करने के लिए मेसर्स रेबलून इंपेक्स और उसके तीन साझेदारों धर्मेंद्र कुमार धीरज, राजेश कुमार और शशिकांत सिंह को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया है. झारखंड रेरा के सदस्य बीरेंद्र भूषण ने कहा कि प्राधिकरण खरीदारों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और अंतिम उपाय के रूप में कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डालने का कदम उठाना पड़ा.


पहले भेज गया था नोटिस
रंजीत कुमार चौधरी ने कहा कि, कंपनी और उसके तीनों साझेदारों के खिलाफ कुल 18 शिकायतें दर्ज हुई थीं, जिनमें से 17 मामलों में आदेश जारी किए गए हैं. पहले मामले को दिसंबर 2019 में निस्तारित कर दिया गया था. इसमें फर्म दो सप्ताह के अंदर रेरा पंजीकरण नहीं कर पाई थी, जिसके बाद उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था. इसके बाद बार-बार नियम तोड़ने पर उसे नोटिस भेजा गया और अंत में कंपनी और उसके साझेदारों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया गया.


झारखंड रेरा अधिनियम की धारा 3 प्रमोटरों को आठ इकाइयों या 500 वर्ग मीटर से अधिक भूमि वाली परियोजनाओं (आवासीय, वाणिज्यिक, प्लॉट विकास / लेआउट, विला या मिश्रित विकास) को रेरा के साथ पंजीकृत करना अनिवार्य बनाती है. रेरा के पदाधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण को अब तक घर खरीदारों से 382 शिकायतें मिली हैं, जिनमें से 189 का निस्तारण किया जा चुका है और 193 लंबित हैं.