Jharkhand Ban on Giving Water to Bengal: मानसून (Monsoon) की बेरुखी से झारखंड (Jharkhand) में बने मुश्किल हालात के बीच अब यहां के 2 बड़े डैम (Dam) पंचेत (Panchet) और मैथन (Maithon) से पश्चिम बंगाल (West Bengal) को मिलने वाला पानी (Water) रोक दिया गया है. ये दोनों डैम केंद्रीय उपक्रम दामोदर वैली कॉरपोरेशन (Damodar Valley Corporation) के हैं. इन दोनों डैम से पश्चिम बंगाल के इलाकों में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा था, लेकिन हालात की समीक्षा के बाद डीवीसी ने बुधवार से इसपर रोक लगा दी है. पंचेत और मैथन डैम झारखंड के धनबाद (Dhanbad) जिले में स्थित हैं. इन दोनों डैम के पानी और इससे उत्पादित होने वाली बिजली के बंटवारे को लेकर 19 जुलाई 1978 को एग्रीमेंट हुआ था, जिसके अनुसार बंगाल और तत्कालीन बिहार दोनों राज्यों को लाभ मिलता था.
बंगाल और झारखंड के बीच विवाद भी है
एग्रीमेंट का कायदे से अनुपालन ना होने को लेकर अब बंगाल और झारखंड के बीच विवाद भी है, लेकिन डीवीसी नियमित तौर पर यहां से बंगाल के लिए पानी छोड़ता रहा है. बहरहाल, बुधवार से इन दोनों डैम से बंगाल के लिए पानी रोकने की वजह अंतरराज्यीय विवाद नहीं है. डैम के जलस्तर में लगातार आ रही कमी की वजह से केंद्रीय जल आयोग के निर्देश और दामोदर वैली रिजर्वायर रेगुलेटरी कमीशन (डीवीआरआरसी) की अनुशंसा पर ये निर्णय लिया गया है.
आवश्यक कार्यों के छोड़ा जा रहा है पानी
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पंचेत डैम का जलस्तर बुधवार की सुबह 6 बजे 393.79 फीट दर्ज किया गया, जो डेड लेवल 392 फीट से मात्र 1.79 फीट ऊपर है. इसी तरह मैथन का जलस्तर फिलहाल 545 फीट है, जबकि यहां का डेड लेवल 544 फीट है. बारिश ना होने और जलस्तर में इजाफा ना होने की स्थिति में यहां से धनबाद और आस-पास के इलाकों में होने वाली जलापूर्ति भी प्रभावित हो सकती है. ऐसी स्थिति में यहां से बंगाल को सिंचाई के लिए पानी देने पर रोक लगाने का फैसला लिया गया है. डीवीआरआरसी के उप निदेशक एनएन शंकर ने इससे संबंधित पत्र जारी कर दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार के साथ आसनसोल और दुगार्पुर जिला प्रशासन को भी सूचना दे दी गई है. हालांकि, आवश्यक कार्यों के लिए मैथन डैम से 1000 एकड़ फीट पानी छोड़ा जा रहा है.
उठाया गया एहतियाती कदम
इसके पहले पश्चिम बंगाल सरकार के आग्रह पर डीवीसी ने 22 जुलाई से 30 जुलाई के बीच मैथन डैम से 70 हजार एकड़ फीट पानी छोड़ने का निर्णय लिया था. 5 दिन तक बंगाल को सिंचाई के लिए पानी देने के बाद दामोदर वैली रिजर्वायर रेगुलेटरी कमीशन ने पाया कि मैथन और पंचेत डैम का जलस्तर काफी नीचे चला गया है, इसी वजह से पानी रोकने का एहतियाती कदम उठाया गया है.
दूसरे डैम और जलाशयों में भी है ऐसा संकट
झारखंड के दूसरे डैम और जलाशयों में भी ऐसा ही संकट है. राज्य के जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता (मॉनिटरिंग) मोती लाल सिंह के मुताबिक अब तक अच्छी बारिश नहीं होने के कारण राज्य के 56 जलाशयों में से 52 जलाशयों का जलस्तर डेड स्टोरेज लेवल से थोड़ा ही ऊपर रह गया है. इसे देखते हुए इन जलाशयों से सीमित मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है.
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