(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jharkhand News: झारखंड में एक साल में 11 फीसदी बढ़े एक्सीडेंट से मौत के मामले, पढ़ें- सड़क सुरक्षा की ये रिपोर्ट
राज्य में 2021 के दौरान 4,728 सड़क हादसों में 3,513 लोगों की जान गई. जबकि 3,227 घायल हो गए. वहीं दूसरी ओर 2022 के दौरान 5,174 सड़क दुर्घटनाएं हुई. इनमें 3,898 लोगों की मौत हो गई और 3,745 घायल हुए.
Jharkhand Accident Data 2022: झारखंड में कोरोना के बाद सड़क हादसों में लगातार इजाफा हुआ है. दरअसल, साल 2021 की तुलना में 2022 में 16 फीसदी सड़क हादसे बढ़े हैं. यहां सड़क हादसों से हुए मौत के मामलों में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जबकि घायलों की संख्या में 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. मिली जानकारी के अनुसार, सड़क सुरक्षा पर बैठक के दौरान दुर्घटनाएं बढ़ने पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने नाराजगी जाहिर की है. साथ ही संबंधित अधिकारियों से सड़क हादसों में कमी लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को पूरी मुस्तैदी से करने का निर्देश दिया है. उन्होंने चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षात्मक उपायों को पूरा करने, जागरूकता और यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों के खिलाफ सख्ती करने का निर्देश दिया है.
दरअसल, राज्य में 2021 के दौरान 4,728 सड़क दुर्घटनाओं में 3,513 लोगों की जान गई. जबकि 3,227 घायल हो गए. वहीं दूसरी ओर 2022 के दौरान राज्य भर में 5,174 सड़क दुर्घटनाएं हुई. इनमें 3,898 लोगों की मौत हो गई और 3,745 घायल हुए हैं. 2021 की तुलना में 2022 के दौरान सड़क दुर्घटनाएं 449 (9.50 ) अधिक हुई. इसी प्रकार मौत के मामले 387 (11.02 ) बढ़ गए. वहीं घायलों की संख्या भी 519 (16.08 ) अधिक रिपोर्ट हुई हैं. परिवहन विभाग के अंतर्गत सड़क सुरक्षा की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 के दौरान 45 फीसदी हादसों में दोपहिया वाहन शामिल थे. वहीं कार, जीप, वैन, टैक्सी से 13 प्रतिशत और ट्रक, लॉरी से 12 फीसदी सड़क हादसे रिपोर्ट किए गए हैं. इन दुर्घटनाओं के रिसर्च के आधार पर पाया गया है कि, करीब 80 फीसदी हादसों में 18 साल या इससे कम उम्र के किशोर, नौजवानों की मौत हुई है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सख्ती
वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी सड़क सुरक्षा समिति के सदस्यों ने निरीक्षण शुरू कर दिया है. समिति के सदस्यों ने बुधवार को जमशेदपुर में मौका मुआयना कर सुरक्षात्मक उपायों की जमीनी हकीकत जांची. समिति रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद के ब्लैक स्पॉट पर सुधार के उपायों का जायजा लेगी. नौ सदस्यीय समिति 28 मई तक स्थल निरीक्षण कर हकीकत की जांच करेगी. बता दें कि, राष्ट्रीय राजमार्गों पर 42 फीसदी हादसे रिपोर्ट किए गए. जबकि राज्य की अन्य सड़कों पर 46 प्रतिशत सड़क दुर्घटना हुई हैं. स्टेट हाईवे पर 12 प्रतिशत दुर्घटाएं रिपोर्ट की गई है. इसी प्रकार सर्वाधिक 43 फीसदी मौत राज्य की अन्य सड़कों पर देखी गई है. इसी प्रकार 42 फीसदी मौत राष्ट्रीय राजमार्गों पर और 15 फीसदी मौत स्टेट हाईवे पर हुआ है.
ब्लैक स्पॉट पर किए जा रहे सुरक्षात्मक उपाय
वहीं राज्य के ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षात्मक उपाय किए जा रहे हैं. कम समय में किए जाने वाले उपायों में साइनेज बोर्ड लगाना, चेतावनी, रम्बल स्ट्रीप आदि के अलावा लंबे समय में किए जाने वाले उपायों सड़क चौड़ीकरण, फ्लाईओवर, अंडर पास आदि भी योजना बनाकर किए जाने हैं. इसके अलावा इस साल जनवरी से मार्च तक 7,368 बिना ड्राइविंग लाइसेंस चलने वालों को पकड़ कर चालान किया गया. वहीं ओवर स्पीड वाले 1,643 पकड़े गए. साथ ही लाल बत्ती जंप करने वाले 1,4218 का चालान काटा गया. मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने वाले 1,210 और गलत दिशा में वाहन चलाते 578 पकड़े गए.
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