Jharkhand Medical Colleges: झारखंड (Jharkhand) के 3 नए मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में एमबीबीएस (MBBS) के नए सत्र में एडमिशन की इजाजत मिल गई है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने बुधवार को ये जानकारी दी. ये मेडिकल कॉलेज हजारीबाग (Hazaribagh), पलामू (Palamu) और दुमका (Dumka) में वर्ष 2018 में स्थापित हुए थे. इन तीनों कॉलेजों में 2019 में 100-100 सीटों पर दाखिले की इजाजत मिली थी, लेकिन दूसरे वर्ष नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने इन कॉलेजों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और शिक्षकों की कमी के चलते एडमिशन पर रोक लगा दी थी. अब एनएमसी की रोक हटने के बाद राज्य के सभी 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में एडमिशन और पढ़ाई की राह खुल गई है.
280 से बढ़कर 580 हो गई हैं सीटें
तीन नए मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन की अनुमति मिलने के बाद राज्य के सरकारी कॉलेजों में मेडिकल की सीटें 280 से बढ़कर 580 हो गई हैं. इनमें से दुमका स्थित फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज में 100 सीटों पर दाखिले की इजाजत बीते अक्टूबर में मिल गई थी, लेकिन एनएमसी ने हजारीबाग स्थित शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज और पलामू स्थित मेदिना राय मेडिकल कॉलेज में दाखिले पर रोक बरकरार रखी थी. अब इन दोनों कॉलेजों में भी एनएमसी ने एडमिशन पर रोक हटा ली है.
दुरुस्त किए जा रहे हैं संसाधन
बता दें कि, झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने 2 महीने पहले शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, हजारीबाग एवं मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज, पलामू में दूसरे सत्र में एमबीबीएस की 100 सीटों पर दाखिले की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध एनएमसी से किया था. एनएमसी के चेयरमैन डॉ सुरेश चंद्र शर्मा को एक पत्र भेजकर कहा था कि हजारीबाग स्थित मेडिकल कॉलेज में इन्फ्रास्ट्रक्चर का काम 98 प्रतिशत और पलामू स्थित मेडिकल कॉलेज में 96 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. चिकित्सा शिक्षा के लिए संसाधन दुरुस्त किए जा रहे हैं.
चल रही है नियुक्ति की प्रक्रिया
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि इन कॉलेजों में एडमिशन के परमिशन के लिए उन्होंने स्वयं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से कई बार आग्रह किया था. 27 अक्टूबर को दिल्ली में आयोजित केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक में भी उन्होंने इस मामले को उठाया था. उन्होंने केंद्र की इजाजत मिलने पर आभार जताते हुए कहा कि सरकार इन मेडिकल कॉलेजों में बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था और पर्याप्त संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी. मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है.
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