Jharkhand Politics: झारखंड में अपनी ही सरकार के विरोध में JMM विधायक ने खोला मोर्चा, सवालों के घेरे में सीएम हेमंत सोरेन
JMM MLA Protest: झारखंड में सत्ताधारी पार्टी के विधायक ही अपनी ही सरकार के खिलाफ आंदोलनरत हैं. यहां वादा खिलाफी का आरोप लगाकर बोरियो से विधायक लोबिन हेंब्रम ने सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है.
Jharkhand Political Crisis: झारखंड (Jharkhand) के सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कद्दावर नेता व साहिबगंज (Sahebganj) में बोरियो से विधायक लोबिन हेंब्रम (Lobin Hembrom) ने अपनी ही हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ कथित तौर पर स्थानीयता की नीति के लिए 1932 के खतियान को आधार बनाने के वादे से पीछे हटने के विरोध में राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ दिया है. हेंब्रम ने झामुमो के गढ़ माने जाने वाले पूरे संथाल परगना से मंगलवार को रैलियों का दौर प्रारंभ किया और कहा कि जब तक उनकी मांगे राज्य सरकार नहीं मानेगी वह अपने घर वापस नहीं लौटेंगे.
मंगलवार को यहां अपनी पहली सरकार विरोधी रैली में हेंब्रम ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में स्पष्ट कहा था कि सरकार बनी तो हम 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता एवं नियोजन नीति लागू करेंगे. पार्टी ने यह भी कहा था कि वह साथ ही अगले पांच साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगी. लेकिन वे (पार्टी के शीर्ष नेता) आज अपने वादे से मुकर गए हैं.
मुख्यमंत्री सोरेन पर वादाखिलाफी का आरोप
उन्होंने कहा कि ये बातें हमारे नेता व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हरेक चुनावी सभा में कही थीं. उन्होंने यह भी कहा कि दर्जन भर से अधिक सभाओं में तो उनके साथ मैं खुद भी मौजूद था. लेकिन अपने वादे से मुकरते हुए उन्होंने पिछले दिनों विधानसभा में इसे संभव नहीं बताकर पल्ला झाड़ लिया.
हेंब्रम ने कहा कि मुख्यमंत्री के उक्त बयान के साथ ही उनके सरीखा आदिवासी-मूलवासी खुद को न सिर्फ ठगा सा महसूस कर रहा है, बल्कि वह अंदर ही अंदर उबल भी रहा है. उन्होंने कहा कि इसलिए सत्ताधारी दल का विधायक होने के बावजूद जनभावनाओं के मद्देनजर मैंने उसी वक्त तय कर लिया था कि 5 अप्रैल से मैं जन जागरण हेतु संपूर्ण राज्य का दौरा करूंगा और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तब तक घर वापस नहीं लौटूंगा.
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राज्य सरकार का अपने ही विधायक कर रहे विरोध
उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारा आंदोलन न सरकार विरोधी है न ही पार्टी विरोधी. यह हमारे अस्तित्व और पहचान की लड़ाई है. इसमें हम निश्चित रूप से सफल होंगे. भले ही इसे पार्टी व सरकार अपने खिलाफ कह रही हो.
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार का विरोध न सिर्फ मुख्य सहयोगी कांग्रेस के अनेक विधायक कर रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री की भाभी और झामुमो विधायक सीता सोरेन तो अपनी ही सरकार पर तमाम तरह के भ्रष्टाचार के भी आरोप लगा रही हैं जिससे राजनीतिक गलियारों में वर्तमान सरकार के अस्तित्व को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं जन्म लेने लगी हैं.
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