Jharkhand: विवाद के बाद जामताड़ा के स्कूलों की तरफ से रविवार की छुट्टी को लेकर कही गई बड़ी बात, जानें बड़ा अपडेट
Jamtara News: झारखंड (Jharkhand) के जामताड़ा (Jamtara) में सरकारी स्कूलों की छुट्टी को लेकर हुए विवाद के बीच 40 स्कूलों की तरफ से कहा गया है कि वो रविवार की साप्ताहिक छुट्टी को बहाल करेंगे.

Jharkhand Schools Holiday Controversy: झारखंड (Jharkhand) के जामताड़ा (Jamtara) जिले के करीब 40 स्कूलों ने बुधवार को कहा कि वो रविवार की साप्ताहिक छुट्टी को बहाल करेंगे. इन स्कूलों ने साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को रखने की शुरुआत की थी. जिला शिक्षा अधिकारी अभय शंकर (Abhay Shankar) ने न्यूज एजेंसी को बताया कि लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान इन स्कूलों को साप्ताहिक छुट्टी रविवार से बदलकर शुक्रवार को रखने के लिए मजबूर किया गया था. उन्होंने कहा कि जिला स्कूल प्रबंधन समिति को भंग कर दिया गया है और जल्द ही नई समिति गठित की जाएगी.
कांग्रेस ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस बीच, कांग्रेस ने स्कूलों की साप्ताहिक छुट्टी बदलने के लिए मजबूर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. कांग्रेस नेता अजय कुमार ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा और इस फैसले के लिए जिम्मेदार समाज-विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
ये व्यवस्था कैसे बहाल हो गई?
बता दें कि, राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने इस मुद्दे पर विभिन्न जिलों में तैनात शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की थी.इस दौरान उन्होंने पूछा था कि सरकार के आदेश के बगैर ये व्यवस्था कैसे बहाल हो गई? कुछ अफसरों ने कहा कि स्कूलों की देख रेख के लिए गठित ग्राम शिक्षा समितियों के दबाव में शिक्षकों ने ये व्यवस्था लागू कर दी. इस पर मंत्री ने आदेश दिया कि इस तरह की हिमाकत करने वाली ग्राम शिक्षा समितियों को तत्काल भंग किया जाए. मंत्री जगरनाथ महतो ने अफसरों को कहा कि इससे ये साबित होता है कि आप लोग विद्यालयों का निरीक्षण नहीं करते. ये कैसे हो सकता है कि ग्राम शिक्षा समितियां सरकारी आदेश की अनदेखी पर अपने कायदे-कानून लागू कर दें.
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने मांगी रिपोर्ट
छुट्टी को लेकर चल रहे विवाद के बीच राज्य के प्राथमिक शिक्षा निदेशक दिलीप टोप्पो ने सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षकों से स्कूलों में होने वाली साप्ताहिक छुट्टी, प्रार्थना के तौर-तरीकों और बगैर इजाजत स्कूलों के नाम बदलने के बारे में एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा है कि जिलों से रिपोर्ट आने के बाद नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों के शिक्षकों और ग्राम शिक्षा समितियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
शिक्षा विभाग के आला अधिकारी रहे बेखबर
गौरतलब है कि, सबसे पहले जामताड़ा जिले में ये बात सामने आई थी कि लगभग 100 से ज्यादा स्कूलों में मुस्लिम बहुल आबादी के दबाव पर रविवार के बजाय शुक्रवार को सप्ताहिक छुट्टी की व्यवस्था बहाल कर दी गई. ये व्यवस्था पिछले एक-डेढ़ साल से चल रही है, लेकिन शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इससे बेखबर रहे. बताया जा रहा है कि इन इलाकों की मुस्लिम आबादी लगभग 70 फीसदी है. उनके दबाव पर ग्राम शिक्षा समितियों ने कई स्कूलों के नाम के साथ उर्दू स्कूल जोड़ दिया है. कुछ स्कूलों में इसके बोर्ड भी लगा दिए गए हैं. इस व्यवस्था को लागू कराने वाले लोगों का तर्क है कि जब स्कूलों में 70 फीसदी मुस्लिम छात्र पढ़ते हैं, तो जुमे को होने वाली नमाज के लिए शुक्रवार को ही छुट्टी जायज है.
'शिक्षा को धर्म से जोड़ा नहीं जाना चाहिए'
झारखंड के जामताड़ा में स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी होने पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी पहले ही कह चुके हैं कि, जहां पर पूरी तरह से अल्पसंख्यक बच्चे हैं वहां ये नियम पहले से चला रहा है. उर्दू स्कूलों में आज भी शुक्रवार को छुट्टी होती है. वहीं, इसके बदले रविवार को पढ़ाई होती है. ये तो पहले से होता है तो इसमें मनमानी किस बात की है. विधायक अंसारी ने कहा था कि, 'शुक्रवार को इसलिए छुट्टी मिलती है क्योंकि उस दिन बच्चे नमाज पढ़ते हैं. वहीं रविवार को उसके बदले स्कूल खुलता है ताकि उनकी पढ़ाई बाधित ना हो. आखिर ये क्यों नहीं पूछा जा रहा है कि मुस्लिम स्कूल संडे को क्यों नहीं बंद हो रहे हैं. जब 2 दिन छुट्टी मिले तब सवाल उठाया जाना चाहिए. शिक्षा को धर्म से जोड़ा नहीं जाना चाहिए.'
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